छत्तीसगढ़ की महिला ने गोबर बेचकर कमाए ₹1 लाख, बच्चों की पढ़ाई व कर्ज चुकाने में किया खर्च
रायपुर: छत्तीसगढ़ की एक महिला ने गोबर बेचकर एक लाख रुपये कमाए जिसे उसने बच्चों की पढ़ाई और कर्ज चुकाने में खर्च किया।
नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ग्राम गिरवर की महिला संतोषी बाई राठौर ने आज वर्चुयल कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया कि गोबर बेचने से उन्हें एक लाख रुपए की आमदनी हुई है।
उन्होंने बताया कि इस राशि का उपयोग उन्होने बच्चों की पढ़ाई लिखाई और खेती किसानी में उपयोग किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस राशि में से 50 हजार रुपये का कर्ज भी पटाया है। मुख्यमंत्री बघेल ने श्रीमती संतोषी बाई राठौर को कर्ज मुक्त होने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
वहीं सरकार का कहना है कि प्रदेश में शुरू की गई गोधन न्याय योजना गौ-पालकों, किसानों और ग्रामीणों के लिए आमदनी का बेहतर जरिया साबित हो रही है। इस आमदनी से गरीब परिवार अपने अधूरे सपनों को पूरा कर पा रहे हैं। अब इस न्याय योजना से जुड़े गौ-पालक, चरवाहा गोबर बेचकर अपनी जरूरतों का न सिर्फ सामान खरीद रहे हैं, अपितु गोबर बिक्री की राशि से बच्चों को पढ़ा रहे हैं और आशियाना भी बना रहे हैं।
9 जून को बलौदाबाजार और महासमुंद जिले के विकास कार्यों का वर्चुअल उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब चरवाहा गंगाराम यादव, गौ-पालक दशरी यादव और किसान सुरेश नाग से गोधन न्याय योजना के संबंध में चर्चा की तो उनके कार्यों और राशि के उपयोग को लेकर खूब सराहना मिली।
चरवाहा गंगाराम ने बताया कि जब से गोधन न्याय योजना लागू हुई है, तब से लेकर अभी तक 511 क्विंटल गोबर बेचकर उन्हें लगभग एक लाख 2 हजार रुपए की आमदनी हुई है। इस राशि का उपयोग उन्होंने अपने बच्चे को पढ़ाने और मकान बनवाने के लिए किया है।
इसी तरह दशरी यादव ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभी तक 631 क्विंटल गोबर बेचकर उन्होंनेे एक लाख 26 हजार रुपए की आमदनी अर्जित की है और इस राशि का उपयोग अपनी बेटी के विवाह एवं मकान मरम्मत में किया है।
मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान महासमुंद के गौ पालक किसान सुरेश नाग ने बताया कि उन्हें गोबर बेचने से 52 हजार 200 रुपए की आमदनी हुई। इस राशि से उन्होंने अपनी बेटी को बीएड पढ़ाने के लिए निजी महाविद्यालय में फीस जमा किया है।
गोधन न्याय योजना से मिली राशि का उपयोग जरूरत के हिसाब से जरूरी कार्यों में किए जाने की बात चरवाहें, पशुपालकों से सुनकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जहां सभी की सराहना की, वहीं गंगाराम, दशरी यादव और सुरेश नाग ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि गोबर बेचकर इतना पैसा कमाया जा सकता है और अपने सपने पूरे किए जा सकते हैं। इस तरह की योजना शुरू कर आपने हम जैसे गरीबों का बड़ा हित किया है।