MP: कांग्रेस MLA बोले BJP वाले राम मंदिर के चंदे का दारू पी लेते हैं, संत बोले: मेंटली डिस्टर्ब हो चुकी है कांग्रेस
झाबुआ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए जा रहे धन संग्रह अभियान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा विवादित बयान देकर कहा कि भाजपा के लोग दिन में राम मंदिर के नाम पर जुटाई जाने वाली राशि से रात को शराब पीते हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा कि झाबुआ के पेटलावद मे कांग्रेस के एक विरोध प्रदर्शन के बाद भूरिया ने ये बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि भाजपाइयों ने पहले राम मंदिर के नाम पर लाखों-करोड़ों-अरबों का चंदा इकट्ठा किया था, उसका कोई हिसाब नहीं दिया और अब भाजपाई फिर से राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करते हैं और शाम को उसकी दारू पी जाते हैं।
भड़के अयोध्या के संत:
राम मंदिर पर कांग्रेस नेता के विवादित बयान का अयोध्या में साधु संतों ने भी विरोध जताया है। अयोध्या तपस्वी छावनी के संत स्वामी परमहंस दास ने कहा कि कांग्रेस विधायक का यह बयान साफ दर्शाता है कि कांग्रेस मेंटली डिस्टर्ब हो चुकी हैं। इनकी सत्ता क्या छीनी उनको पता लग गया है कि भारत कांग्रेस मुक्त होने वाला है। उनका बयान खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसा हो गया है। एक तरह से साजिश भी है कि लोग कम चंदा दें लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। कांग्रेस तो वही है जो पहले भी कह चुकी कि भगवान राम काल्पनिक हैं।
मंत्री ने पलटवार में बताया रावण भक्त:
भूरिया के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार भी किया है। शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि राम भक्तों को शराबी कहने वाला निश्चित ही रावण का भक्त होगा। कांतिलाल भूरिया का यह बयान करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है उन्हें माफ़ी मांगना चाहिए और कांग्रेस बताए कि क्या यह उसका अधिकृत बयान है? यदि नहीं तो फिर काँग्रेस भूरिया को पार्टी से बाहर करे। जय श्री राम।
आसुरी सोच है: गृहमंत्री
राम मंदिर विरोधी बयान पर शिवराज सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि “यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे”, श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए जनता जर्नादन से ली जा रही सहयोग राशि के बारे में कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया का बयान आसुरी सोच का प्रतीक है। इतिहास गवाह है कि आसुरी शक्तियों ने हर युग में सद्कर्मों का विरोध किया है।