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उज्जैन: जहां रामभक्तों पर हुई पत्थरबाजी वहां कांवड़, जगन्नाथ यात्राएं, DM, SP हो चुके हमलों का शिकार

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में बेगम बाग़ क्षेत्र आजकल चर्चा में है। पिछले दिनों इसी इलाके में राम मंदिर निर्माण के लिए रामभक्तों की यात्रा पर पत्थरबाजी की गई थी।

दरअसल महाकालेश्वर मंदिर तक जाने वाली प्रमुख सड़क में से एक प्रमुख सड़क है बेगम बाग मार्ग करजिस पर आज की स्थिति में पत्थरबाजों और असामाजिक तत्वों का पूरी तरह से स्थाई कब्जा हो चुका है, इस शुक्रवार इसी मार्ग पर छात्रों की एक टोली पर असामाजिक तत्वों ने जमकर पत्थरबाजी कर उन्हें बुरी तरीके से घायल कर दिया उन छात्रों में से कइयों को अस्पताल में भर्ती भी कराना पड़।

अनेक लोगों को यह लग रहा होगा कि यह शायद कोई पहली अचानक घटी आकस्मिक घटना होगी क्योंकि महाकाल मंदिर विश्व प्रसिद्ध और बेहद प्राचीन है, उसके आसपास असामाजिक तत्व इस तरह की हरकत करने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं ?

तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह हमला कोई पहला हमला नहीं है, पिछले 5 सालों में इसी मार्ग पर दर्जन भर से अधिक घटनाएं घट चुकी हैं, यहां पर असामाजिक तत्वों के हौसले इतने बुलंद है कि पूर्व में इन असामाजिक तत्वों ने पिछले कलेक्टर कविंद्र कियावत और तत्कालीन एसपी अनुराग चौधरी तक को नहीं छोड़ा था, उन वरिष्ठ अधिकारियों पर भी इसी मार्ग पर हमले किए गए थ।

लेकिन प्रशासन ने किसी तरह की कोई कठोर कार्रवाई नहीं की उल्टा इस मार्ग पर होने वाले विवादों से बचने के लिए प्रशासन ने यह रास्ता अपनाया कि वे इस मार्ग पर अब किसी तरह की रैली निकालने की अनुमति नहीं देते हैं।

अतीत में इस मार्ग पर 2007 में जगन्नाथ यात्रा पर पथराव किया गया था इसमें अनेक लोग घायल हुए थे, 2017 में बजरंग दल के कार्यक्रम पर भी इस मार्ग पर हमला हो चुका है, 2017 के बाद से इस मार्ग से कावड़ यात्रा भी बंद की जा चुकी है क्योंकि इस मार्ग पर कावड़ यात्रियों पर भी हमला किया जा चुका है, कांवड़ यात्री अब दूसरे मार्ग को चुनकर महाकाल मंदिर तक पहुंचते हैं।

यह पूरा मार्ग अतिक्रमण से भरा हुआ है, मामूली सी बात पर यहां झगड़े होना सामान्य बात है, कल भी जब पत्थरबाजी करने वाले असामाजिक तत्वों के ऊपर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जा रही थी तब शहर काजी ने 15 मिनट में कार्यवाही रोके जाने की बात धमकी भरे लहजे में कही थी कि अगर कार्यवाही नहीं रोकी गई तो हम पूरे शहर की शांति बिगाड़ देंगे।

CAA और NRC के विरोध के समय भी इस मार्ग पर अवैध कब्जा कर इस मार्ग को दिल्ली के शाहीन बाग की तरह लंबे समय तक बंद रखा गया था।

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