मुंगेर: सुरक्षाबल चाहते तो हॉस्पिटल पहुंचा सकते थे पर मरने के लिए छोड़ दिया- चश्मदीद
मुंगेर: मुंगेर की घटना को लेकर एसपी लिपि सिंह ने कहा कि शहर में जिस तरह की घटना घटी है वह काफी दुखदाई और निंदनीय है।
आगे कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रतिमा को तेजी से विसर्जन करने का पुलिस की ओर से बार-बार अनुरोध किया जा रहा था। इसी बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला करते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। असामाजिक तत्वों की गोली से एक युवक की मौत हुई, वहीं कई लोग घायल हो गए। इस घटना में सात थानाध्यक्ष समेत 20 पुलिसकर्मी भी घायल हैं।
घटना के बाद लोग प्रशासन पर अब काफी गम्भीर आरोप लगा रहे हैं। जिसमें स्थानीय लोगों ने बासुदेवपुर थाना प्रभारी शिशिर कुमार सिंह और मुफस्सिल थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार सिंह पर आरोप लगाया है।
वीडियो में चश्मदीद का कहना है कि कोई अग्रिम सूचना दिए एक- दो हवाई फायरिंग करके लोगों पर गोलियाँ चलानी शुरू कर दी। वहीं पर एक लड़का खड़ा था, जिसकी उम्र 15 से 18 साल होगी, उसके सिर में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद भी गोलियाँ चलती रही। लगभग 6 गोली तो हमने लगते देखा है। दोनों थाना प्रभारी के साथ 25-30 की संख्या में सीआरपीएफ की फोर्स थी, वो चाहते तो हॉस्पिटल पहुँचा सकते थे, लेकिन उन लोगों ने मानवता को तार-तार किया है। उन लोगों ने फोन पर बात किया, जिसमें शायद उनसे कहा गया कि छोड़ दो सारे को।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने फायरिंग करने के बाद उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। उन लोगों ने काफी मुश्किल से साइकिल से, रिक्शा से, मोटरसाइकिल पर, कंधा पर, जैसे संभव हो सका, हॉस्पिटल लेकर आए और उनका इलाज करवा रहे हैं। डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू किया।