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धर्मार्थ के लिए अमेरिका में हिंदू संगठन को प्रतिष्ठित पुरस्कार से किया गया सम्मानित

वाशिंगटन (US): धर्मार्थ के लिए अमेरिका में हिंदू संगठन को प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

अमेरिका में समाजसेवी कार्य कर रहे हिंदू संगठन को प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हिंदू चैरिटीज फ़ॉर अमेरिका के अध्यक्ष व संस्थापक भारतीय मूल के समाजसेवी हरीश कोटेचा को अमेरिका में बेघर बच्चों और युवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका में अपने काम के लिए प्रतिष्ठित सैंड्रा नीस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। 

एक बयान में कहा गया कि नेशनल एसोसिएशन फॉर द एजुकेशन फॉर बेसिक एजुकेशन एंड यूथ (NAEHCY) की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 9 अक्टूबर को अपने 32 वें वार्षिक सम्मेलन में अमेरिका (HC4A) के संस्थापक और अध्यक्ष, कोटेचा को भेंट किया गया। 

गरीब छात्रों के लिए धर्मार्थ पर सम्मान:

बता दें कि सैंड्रा नीस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड उन लोगों को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है जिन्होंने अथक परिश्रम करके यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि सभी अनाथ आश्रय विहीन व निर्धन बच्चों के लिए सुरक्षा, आश्रय, और भविष्य मिले। 

बयान में कहा गया है कि NAECHY के निदेशक मंडल “विलक्षण आंदोलन को अब एक प्रमुख कार्यक्रम में बदलने के लिए” (कोटेचा) की क्षमता से प्रभावित थे, जो अब 4 प्रमुख शहरों में स्थापित है। कोटेचा को अपने पुरस्कार पत्र में, NAEHCY के अध्यक्ष, जिमियू इवांस ने लिखा है कि, “हमें इस बात की ख़ुशी है कि इस क्षेत्र में आप जैसे समाजसेवियों को बेघर बच्चों और युवाओं की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है।” 

कोटेचा ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इस पुरस्कार ने HC4A के प्रभाव, सभी स्वयंसेवक, दानदाता, प्रायोजक और HC4A के शुभचिंतक को मान्यता दी है।”

11 हजार से अधिक गरीबों की मदद:

HC4A का बेघर या निकट-बेघर छात्रों के लिए कार्यक्रम हैं, जिसमें स्कूल वर्ष की शुरुआत में शिक्षा प्रदान करते हैं। आज तक, 11,000 से अधिक कम आय वाले बच्चों को स्कूल वर्ष की शुरुआत में बैकपैक्स के साथ उपहार दिया गया है।

यह कम आय वाले गरीब छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण छात्रवृत्ति प्रदान करता है। 550 से अधिक छात्रों ने व्यावसायिक प्रशिक्षण छात्रवृत्ति प्राप्त की है, जिन्होंने उन्हें अच्छी आमदनी और सार्थक करियर के जरिए गरीबी से बाहर निकाला है।

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