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UN के मानवाधिकार आयोग में उठाया गया भारत के आरक्षण व SC/ST एक्ट का मुद्दा !

जिनेवा (स्विटजरलैंड) : सामजिक कार्यकर्ताओं नें पहली बार UN के मानवाधिकार आयोग में SC-ST एक्ट व जातिगत आरक्षण जैसे मुद्दों को उठाया। 

देश में आरक्षण पर एक ऐसी खबर आई है जिसे आपनें पहले कभी नहीं सुना होगा। जी हाँ पहली बार एट्रोसिटी एक्ट व जातिगत आरक्षण को सात समंदर पार विदेशों में उठाया गया। और ऐसा करने वाले हैं उत्तरप्रदेश के बरेली से आने वाले त्रिभुवन शर्मा। जोकि राष्ट्रवादी मानवता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

Tribhuvan Sharma, Social Activist

श्री त्रिभुवन शर्मा नें ये कदम देश की सियासत व संसद के नियम क़ानूनों से खफ़ा होकर उठाया है। उन्होंने स्विट्जरलैंड की राजधानी स्थित UN के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में सामान्य वर्ग की बातें उठाई।

Indian Parliament

उन्होंने ये शिकायत अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयुक्त जेनेवा के कार्यालय में जाकर लिखित रूप से प्रस्तुत कर दी। शिकायत में प्रमुख रूप से लोकसभा और विधान सभाओं का आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट, प्रमोशन में आरक्षण, सरकार द्वारा जातीय आधार पर लिये जा रहे निर्णयों को उठाया।

Meeting of the UN Human Rights Council, Geneva

उन्होंने ये जानकारी अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से देश के लोगों तक पहुँचाई साथ ही जिनेवा शहर में स्थित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दफ्तर की कुछ झलकियां भी साझा की थी।

Tribhuvan Sharma At UNHRC Geneva, Switzerland

इसके अलावा त्रिभुवन शर्मा नें देश में जातीय आधार पर लिए गए फैंसलों जिसमें एससी एसटी समुदाय के बच्चों को सस्ते में भोजन, एससी एसटी वकीलों को सरकार द्वारा सहायता जैसे अन्य जातीय आधारित नीतियों को मुद्दा बनाकर इन मामले को बड़ी प्रमुखता से सामने रखा है । इसके साथ उन्होंने आरक्षण पर दिए गए देश में नामी गिरामी नेताओं जैसे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयानों का भी उल्लेख किया ।

खैर इन सब को अलग करके देखा जाए तो एक बात तो निश्चित है कि जहां-जहां भी आरक्षण का विरोध हो रहा है उनके लिए ऐसी खबर एनर्जी बूस्टर का काम करेगी। जैसा कि सोशल मीडिया द्वारा साझा किए गए इस पोस्ट पर सैकड़ों लोगों ने अपना समर्थन जताया था और उनके इस काम की खूब सराहना भी की है। हालांकि आगे इस खबर पर नजर रखनी होगी कि आयोग इस मामले पर किस तरह से अपना रुख अपनाता है ?

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8 Comments

  1. काबिले तारीफ है ये कदम,,एक ऐसे ही नेतृत्व की आवश्यकता है सवर्ण समाज को,जो उनके अधिकारों,समस्याओं के लिए लड़ सके,उन्हे एकत्र रख सके,,सहृदय धन्यवाद, साधुवाद,,

    1. इस लड़ाई में हमें सर्वप्रथम यस सी,यस टी और ओबीसी समाज के उन लोगों को अपने साथ ले लेना चाहिए जिन्हें आज तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है। उन्हें यह समझा कर कि आपको आपके ही समाज के लोग पीछे रखना चाहते हैं।समाज के जो ऊंचे पदों पर हैं वे ही इसका लाभ बार-बार ले रहे हैं और आप लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। जिस कारण से आपको इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।जब आर्थिक आधार पर लागू होगा तभी आप को इसका लाभ मिल पाएगा।यह लड़ाई हम किसी और के लिए नहीं बल्कि आप लोगों के लिए ही लड़ रहे हैं। ऐसा करने से उन्हीं में से एक घटक हमारे साथ आ जाएगा जिससे हमें इस लड़ाई में काफी सहूलियत हो जाएगी।

  2. सही कार्य समता के सभी प्रदेश/सम्भाग /जिला/तहसील/प्रकोष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से निवेदन है कि जातिगत आरक्षण को दस साल बढ़ाए जाने के अविधिक प्रयासों का खुल कर विरोध करें। आप जहाँ भी हैं वही पर :-
    1- अपने शहर/कस्बे के प्रमुख चौराहों पर अपने 2,5,11,21,51 या अधिक साथियों के साथ एक एक घण्टे खड़े रहें और अपने हाथों में नीचे दिये गये प्रारूप के फ्लेक्स पर्दे लेकर मौन प्रदर्शन करें।
    2- समता आन्दोलन द्वारा लोकसभा/राज्यसभा के अध्यक्षों और सांसदों को भेंजें गये ज्ञापन की फोटोप्रतियों को मीडीया में और आम जनता में वहीँ प्रदर्शन स्थल पर वितरित करें। ज्ञापन की प्रति नीचे दी गई है यही से प्रिंट लेकर फोटोप्रतियाँ करवा लेवें।
    3- आपके प्रदर्शन की फोटो लेकर सोशियल मीडीया पर डालें। प्रिंट और एलेक्ट्रॉनिक मीडीया पर प्रकाशन व प्रसारण सुनिश्चित करें। इस प्रिंट व एलेक्ट्रॉनिक मीडीया पर प्रकाशित/प्रसारित समाचारों को पुनः सोशियल मीडीया पर भी डालें।
    4- आप द्वारा किये गये प्रदर्शन की फोटो व खबरें हमें emai पर जरूर भेंजें ताकि मासिक अखबार में प्रकाशित की जा सकें :- samtaandolan@yahoo.in
    सादर।
    निवेदक :- समता आन्दोलन समिति ।
    http://www.samtaandolan.co.in

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