कश्मीर में जन्म लेने वाले बच्चों में 99% मुस्लिम, हिंदू बच्चे 0.3% घट गए- CSP India
जम्मू कश्मीर : रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि घाटी में हिंदू विलुप्त होते गए जबकि मुस्लिम आबादी कई गुना बढ़ी।
कश्मीर में हिंदू सरपंच अजय पण्डिता की हत्या नें घाटी में हिंदुओं की दुर्दशा को एक बार फिर उजागर कर दिया है। कश्मीर घाटी में अब बमुश्किल कश्मीरी पंडित बचे हैं जो भी हैं वो अजय पंडिता की हत्या के बाद जम्मू की ओर निकल जाएंगे। जैसा कि अजय के परिवार नें खुद कहा कि वो अब बिना सुरक्षा फिर कश्मीर नहीं जा पाएंगे।
इन सब घटनाओं से सबक लेते हुए फ़लाना दिखाना की रिसर्च टीम ने कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक हिंदुओं की वर्तमान जनसंख्या व डेमोग्राफिक स्थितियों का अध्ययन किया है। इसके लिए हमनें CSP इंडिया की रिपोर्ट को आधार बनाया है। CSP इंडिया के बारे में बता दें कि ये इसका पूरा नाम है सेंटर फॉर पॉलिसी स्ट्डीज जोकि अनुसंधान और अध्ययन के लिए एक संस्थान है। 1990 में इस केंद्र को चेन्नई में एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया था। तब से इसे केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक सामाजिक विज्ञान अनुसंधान संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है।
अब बात करते हैं CSP की कश्मीर घाटी पर जनसंख्या के बदलाव वाली रिपोर्ट पर जिसके मुताबिक 2011 वाली अंतिम जनगणना में एक साल में होने वाले जन्म की संख्या 2001 की तुलना में कश्मीर घाटी में दोगुनी हो गई है।
2001 जनगणना में 85 हजार वार्षिक जन्मों से बढ़कर ये संख्या 2011 में 1.77 लाख हो गई। यह अचानक वृद्धि केवल घाटी तक ही सीमित है जबकि जम्मू में केवल 19% बढ़ी है वहीं लद्दाख में, जन्मों की संख्या में लगभग एक तिहाई की गिरावट आई है।
वहीं CSP की रिपोर्ट के दावे के अनुसार कश्मीर घाटी में पैदा होने वाले बच्चों में 99 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम हैं। ये वृद्धि ऐसी है कि 2001 में घाटी में एक मुस्लिम महिला औसतन 1.34 बच्चों को जन्म देती है। जबकि 2001 की तुलना में प्रजनन दर में भारी बदलाव एक ही दशक में दिखता है जोकि वास्तव में आश्चर्यजनक है। वहीं 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या विभिन्न समुदायों की आबादी में बिल्कुल अलग अलग है। 2001 की जनगणना में मुस्लिम समुदाय में प्रति सौ आबादी में 14.64 बच्चे थे जबकि 2011 में ये अनुपात 17.83 हुआ। जबकि हिंदू समुदाय में ये संख्या केवल 2.98 थी जोकि और घटकर 2.95 हो गया है यानी 0.3% की कमी प्रति 100 बच्चो की आबादी में हुई।
इस आंकड़े से स्पष्ट रूप से घाटी में मुसलमान समुदाय की उर्वरता में भारी उछाल आया है। और विभिन्न धार्मिकों समुदायों के बीच भी जनसांख्यिकीय संतुलन पूरी तरह बदल चुका है। इसके कई कारण रहे हैं कि कश्मीर घाटी से 80-90 के दशक में हिन्दू समुदाय को प्रताड़ित किया गया और वो धीरे धीरे घाटी से विलुप्त प्रजाति की तरह हो गए।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!