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अब खुद राष्ट्रपति कोविंद नें उठाई माँग- ‘भारत में उठाने होंगे जनसंख्या नियंत्रण के कदम’

नईदिल्ली : राष्ट्रपति कोविंद नें दिए इंटरव्यू में जनसंख्या नियंत्रण पर कदम उठाने की मांग की है।

देश में कोरोना महामारी के बीच जनसंख्या को लेकर चर्चाएं अचानक तेज हो गई हैं। दरअसल देश के प्रथम नागरिक यानी खुद राष्ट्रपति नें इस समस्या को लेकर चिंता जताई है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नें देश के जाने माने प्रमुख हिंदी अखबार अमर उजाला को हाल में दिए एक इंटरव्यू में देश की जनसंख्या वृद्धि वाली समस्या पर खुलकर बातें रखी।

इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने जनसंख्या नियंत्रण को रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि “भारत जैसे बड़े और घनी आबादी वाले देशों को विशेष रूप से जनसंख्या नियंत्रण के विषय पर सुविचारित कदम उठाने होंगे।”

आगे राष्ट्रपति कोविंद नें जनसंख्या से होने वाली समस्याओं को इंगित करते हुए कहा कि “अन्यथा हमारे देश में ऐसी आपदाओं के भीषण परिणाम हो सकते हैं।”

हालांकि राष्ट्रपति कोविन्द से पहले 2019 में 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री ने भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बातें कही थी।

【नोट : ये मीडिया हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है】

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One Comment

  1. आज फिर दोहरा रहा रहा हू जब 1989 मे विश्व की जन संख्या पॉच अरब हो गई तो 11 जुलाई विश्व जन संख्या दिवस के रूप मे मनाया जाने लगा आज यानी 2020 मे विश्व की जन संख्या लगभग 7.5 अरब हो चुकी है यानी ३२ सालों मे ढाई अरब जन संख्या बढ़ चुकी है अविभाजित भारत की जन संख्या आजादी के समय 39 करोड़ थी तीन करोड़ बांग्लादेश मे और तीन करोड़ पाकिस्तान मे और वर्तमान भारत की आबादी ३३ करोड़ थी जबकि आज हमारे देश की आबादी १३५ करोड़ हो चुकी है यानी आज़ादी को अभी १०० साल नही हुए आबादी १०० करोड़ से अधिक बढ़ चुकी है सन 1311 से लेकर 1319 तक विश्व मे प्लेग फैल गया यूरोप की एक तिहाई से अधिक लोग काल कवलित हो गये पुरे विश्व मे 20 करोड़ लोग काल कवलित हुए चीन का एक शहर जिसकी आबादी पॉच करोड़ लगभग है जहाँ से केरोना वायरस के मरीज़ मिलने लगे की सीमाएँ पूरी तरह से बन्द कर दी गई पर कोरोना वायरस बिना किसी पास पोर्ट के विश्व यात्रा पर निकल पड़ा है लगातार विश्व के अन्य देशों में भी यह वायरस फैल रहा है विश्व के विकसित देश कोरोना के सामने पस्त हो चुके है पर अभी इसके प्रभाव से मुक्ति के आसार नही दिख रहे है हालाँकि मानव ने हैज़ा चेचक प्लेग से अपने आपको मुक्त कर लिया कोरोना के विश्व से समाप्ति तक बहुत बड़ी संख्या मे मानव खोने पड़ेंगे।हमने आपने डायनासोर तो देखे नहीं पर गोराया चिड़िया हम लोगों में से अधिकांश ने देखी होगी आज विलुप्त के कगार पर है क्या डायनासोर और गोराया की तरह मानव भी विलुप्त हो जायेगा यदि विश्व की जन संख्या पर नियन्त्रण नही किया गया तो?

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