उज्जैन (MP) : रामायण के सुषेण वैद्य यानी रमेश चौरसिया के बारे में बहुत रोचक किस्सा है।
दूरदर्शन पर रामायण का प्रसारण हो रहा है और वर्तमान में लक्ष्मण मूर्च्छा वाला प्रसंग चल रहा है। इसी दौरान लक्ष्मण को जीवनदान देने वाले लंकापति रावण के राजवैद्य सुषेण वैद्य की चर्चा हर कोई कर रहा है। सुषेण वैद्य की लोग सोशल मीडिया पर भी जमकर तारीफ कर रहे हैं जिस तरह से उन्होंने संकट में सही या गलत का विचार किए बिना मानवता की सेवा की।
सुषेण वैद्य के रोल के बारे में बात करें तो उनका असली नाम रमेश चौरसिया है। वो मध्य प्रदेश के उज्जैन के रहने वाले थे। उनके बारे में बताया जाता है कि उज्जैन में ही रेलवे स्टेशन पर वो अपनी पान की एक छोटी सी दुकान चलाया करते थे। रामायण में रोल के बाद उन्होंने अपनी फोटो फ्रेम कराकर अपनी दुकान पर लगवा दी थी। और जब लोग उनकी दुकान पर आते तो उस तस्वीर को देखते व रामायण के बारे में पूछा करते थे।
रामानन्द सागर की रामायण में वैद्य के रोल के बाद रमेश चौरसिया को काफी जान पहचान मिली, दूर-दूर से लोग उनसे मिलने आने लगे। रोचक बात तो ये है कि रामायण में उन्हें वैद्य देखकर कई बार तो आसपास के लोग उन्हें वास्तविक वैद्य समझ कर कुछ लोग इलाज कराने आ जाया करते थे।
रोल के बारे में रमेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि रामायण में रावण अरविंद त्रिवेदी से उनकी काफी अच्छी दोस्ती थी। उनके कारण ही रमेश को सुषेण वैद्य को किरदार निभाने का मौका मिला था। रमेश लंबी दाढ़ी और बाल रखा करते थे, उनकी कदकाठी वैद्यराज की तरह ही लगती थी इसलिए रामानंद सागर ने उन्हें ये रोल करने की जिम्मेदारी दी थी।
सुषेण वैद्य के बारे में एक और बात बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 27 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव में सुषेन वैद्य का मंदिर भी बना है। जिसमें एक बड़ा पत्थर भी रखा है, ऐसा माना जाता है कि सुषेण वैद्य इसी पत्थर पर बैठा करते थे।
【नोट : ये मीडिया हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है】