संस्कृत छात्रों को भोजन व छात्रावास देगी योगी सरकार, कंप्यूटर की भी होगी पढ़ाई

लखनऊ: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने  देवभाषा संस्कृत के विस्तार के लिए गुरुवार को कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं जिसमें उन्होंने भाषा को आधुनिकता से जोड़ने पर अधिक जोर दिया है।

दरअसल गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए बयान में बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं।

विद्यार्थियों को मिलेगा भोजन आवास:

नए निर्णय में मुख्यमंत्री ने कहा है कि संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की आवश्यकताओं के अनुरूप उनके लिए रहने तथा भोजन आदि की व्यवस्था की जाए। इस संबंध में स्वयं सेवी संस्थाओं तथा CSR फंड का सहयोग भी प्राप्त किया जाए।

आगे उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को लेकर कहा कि वर्तमान सरकार के सकारात्मक रुख के कारण ही माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन संभव हुआ है। माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के गठन से परीक्षाएं समय पर सम्पन्न हो रही हैं तथा इनके परिणाम भी समय पर आ रहे हैं।

संस्कृत को जोड़ा जाए आधुनिकता से:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्कृत के उन्नयन के लिए आवश्यक है कि इसको आधुनिकता से जोड़ा जाए। संस्कृत विद्यालयों का पाठ्यक्रम ऐसा होना चाहिए, जिससे शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाते हुए विद्यार्थियों का भविष्य भी बेहतर हो सके।

उन्होंने ये भी कहा है कि इसके माध्यम से संस्कृत का आधुनिकता व पुरातन के साथ सामंजस्य स्थापित हो सकेगा। माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की वेबसाइट को लॉन्च करते हुए संस्कृत को तकनीक के साथ जोड़ने का काम किया गया है।

कम्प्यूटर के लिए सबसे सुगम भाषा संस्कृत:

अंत में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया मान रही है कि संस्कृत ही कम्प्यूटर की सबसे सुगम भाषा हो सकती है। इसलिए संस्कृत विद्यालयों में पारम्परिक पठन-पाठन के साथ-साथ विज्ञान, कम्प्यूटर तथा गणित की शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही संस्कृत भाषा को सरकारी कामकाज में लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी कर सभी विभागों को हिन्दी अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में भी प्रेस रिलीज़ देने की घोषणा की थी।