जबलपुर: मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी को दिया 27 फीसदी आरक्षण पर संकट के बादल मंडराने लगे है। जातिगत नीतियों के खिलाफ लड़ने वाले संगठन युथ फॉर इक्वलिटी ने जबलपुर हाई कोर्ट में इसको सीधी चुनौती दी है।
संगठन ने 15 जून को ही हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया था। आपको बता दे कि अब एमपी में कुल 63 फीसदी आरक्षण हो चूका है जो तय मानक राज्य के 50 फीसदी से काफी अधिक है व कानून अवैध है।
युथ फॉर इक्वलिटी के अध्यक्ष डॉ कौशल कांत जी ने हमें बताया कि हाई कोर्ट से एक से दो हफ्तों के भीतर स्टे मिलने की उम्मीद है। कौशल जी के अनुसार सरकार द्वारा दिया गया अतिरिक्त आरक्षण सिर्फ वोट बैंक पॉलिटिक्स है व कानून यह कही से भी मान्य नहीं है।
वही कोर्ट में दिए आंकड़े से भी इसकी जुडीशियल स्क्रूटिनी में पास होना लगभग नामुमकिन ही है।
यह केस एक्टिंग चीफ जस्टिस रवि शंकर झा व जज विजय कुमार शुक्ल के सामने विचारधीन है जिस पर अगले हफ्ते तक निर्णय आने कि उम्मीद है।