जेनेवा (स्विटजरलैंड) : 1 दिसंबर 1988 में WHO द्वारा शुरू किए गए एड्स दिवस को आज
के ही दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है | पूरी दुनियाभर में कई लोग ऐसे हैं
जिन्हें इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं होती | और इसकी वजह से वो देरी से इलाज कराते
हैं इस दौरान उनकी मौत भी हो जाती है | ऐसे ही एक उदाहरण है फ्रेडी मर्करी का जिनकी
मौत भी जागरूकता के न होने से ही हुई थी उन्होंने इस बीमारी से लंबे समय तक संघर्ष किया
लेकिन एक छोटी सी गलती भारी पड़ गई |
WHO के अनुसार एड्स के कुछ हताशापूर्ण आंकड़े :
विश्व स्वास्थ्य संगठन नें एड्स दिवस पर अपनी रिपोर्ट जारी की है उसमें कुछ ऐसे तथ्य हैं जो चौकाते हैं –
- दुनिया में सलाना 1 मिलियन मौत, यूरोप में 16 लाख मौत 2017 में,
- विश्वभर में सलाना एड्स के 1.8 मिलियन केस,
- यूरोप में 53% लोग देरी से निदान करते हैं, इससे एड्स का खतरा बढ़ता है, मौत भी
- 47% लोग जल्दी निदान पाते हैं, इससे शरीर में संक्रमण की कमी व लोग लंबी जिंदगी जीते हैं
आप भी तो इस गलतफहमी में नहीं ?
इस बीमारी में लोगों के मन में यह बात की शंका भर जाती है कि साथ बैठने-उठने व घूमने-फिरने से एड्स फैलता है लेकिन WHO की मानें तो इनसे एड्स नहीं फैलती है –
- किसी से गले मिलने में,
- हाँथ मिलाने से,
- रोगी के साथ खाना खाने से |
तो इससे यह मतलब निकलता है कि अगर इसके लिए समाज में जागरूकता हो तो लोग इससे बच सकते हैं या जो प्रभावित हैं वो समय से इलाज लें तो बेहतर जिंदगी जी सकते हैं |