भोपाल : लगभग डेढ़ महीने से चला आ रहा चुनावी शोर 26 नवंबर की शाम को खत्म हुआ था लेकिन अब 28 नवंबर का दिन जब एमपी में लोकतंत्र का त्यौहार है यानी कि चुनाव | अबकी बार एमपी के भाग्य विधाता तय करेंगे कि शिवराज मामा सत्ता का चौका जड़ेंगे या 3 बार से वनवास झेल रही कांग्रेस वापसी का बाउंसर फेकेंगी ?
अबकी बार एमपी चुनाव है मजेदार :
इस बार एमपी का विधानसभा चुनाव खूब सुर्ख़ियों में रहा है | हो भी क्यों न ? क्योंकि इस चुनाव के पहले सूबे की जनता नें दल बदल का मंजर जो देखा है |
एक तरफ जहां सूबे के मुखिया के साले पहुंचे कांग्रेस के पाले में वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री की बेटी फातिमा सिद्दिकी भी खूब लाइम लाइट में रहीं क्योंकि वो एक मात्र मुस्लिम नेता थीं जिन्हें भाजपा से टिकट दी गई |
सूबे में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, आप के अलावा इस बार “सपाक्स” नामक एक नए दल का उदय हुआ है जो जातिगत आरक्षण का विरोध करता है | लेकिन इस दल नें बड़ी पार्टियों के बीच एंट्री करके खलबली तो मचाई है पर ये भविष्य के पाले में है कि ये नया दल किसकी लुटिया ढरकाएगी ?
एमपी में ख़ासम खास बात क्या रही हैं :
जहां पिछली बार भाजपा-165, कांग्रेस-58 व अन्य-7 पर थीं वहीं इस बार किसी को समझ नहीं आ रहा कि अबकी बार किसकी सरकार ?
एमपी की 230 सीटों में 35 एससी व 47 एसटी उमीदवारों के लिए आरक्षित हैं, सूबे की 5 करोड़ जनता 2899 उम्मीदवारों के भाग्य का फैंसला करेगी |
कांग्रेस नें जहां कई उम्मीदवारों को पैराशूट लैंडिंग कराई है वहीं भाजपा नें भारतीय जनता परिवार वाली बातों को सामने किया है | एक तरफ भाजपा नें कई नेता पुत्रों को चुनावी मैदान में उतारा है |
वहीं कांग्रेस नें पिछले हारे हुए उम्मीदवारों के साथ अपना भरोसा दिखाई है | जातिवादी दल सपा व बसपा के बीच गठबंधन की बातें थीं लेकिन भईया व बहन जी की पार्टी की बातें नहीं बन पाई |
आज बुधवार को सूबे में मतदान हो रहा है पार्टी के बड़े नेताओं नें सुबह ही मंदिर में माथा टेका और बाद में वोट डाला | अब 11 दिसंबर को देखना बांकी है कि कौन जनता को सही लगा और किसकी नैया पार हुई या किसकी बीच मंझधार में अटकेगी ?