टोरेंट का करते हो इस्तेमाल ? संभल जाओ वर्ना जाओगे जेल !

साइबर क्राइम : टोरेंट का दबा कर प्रयोग करते हो ?ब्लॉक वेबसाइट को खोलने के लिए VPN का इस्तेमाल करके खुद को सयाना समझते हो ? एडोब जैसा महंगा माल फ्री में चलाते हो ? ना जाने कितने ही जुगाड़ लगा कर हम भारतीय पेड कंटेंट को फ्री में डाउनलोड करके मजे उड़ाते आये है, पर क्या आपको पता है यह सब तरीके आपको 3 साल तक जेल में सड़ाने के लिए काफी है और तो और आपकी जेब को 3 लाख तक ढीला कर सकती है।

भारत सरकार ने टोरेंट के खिलाड़ियों पर टाइट होने का मन बना लिया है जिसके बाद टोरेंट प्रयोग करने वालो पर कानून का डंडा चलना तय है।

साइबर सिक्योरिटी पर खास तरजीह देते हुए सरकार इन सभी तरीको को पहले भी बंद कर चुकी है परन्तु उसपर पूरी शक्ति से निपटने के लिए सरकार ने साइबर सेल को निर्देश दिए है की ऐसे लोगो के खिलाफ कानून के तहत कार्यवाई की जाए।


सेक्शंस 63, 63-A, 65, and 65-A of the Copyright Act 1957 के तहत अगर आप किसी भी ओरिजिनल कंटेंट की डुप्लीकेट कॉपी को ‘देखते है, डाउनलोड करते है, या गलत ढंग से प्रयोग करते है’ तो यह आपको क्रिमिनल घोषित करने में पर्याप्त है।

वर्ष 2013 में ऐसे ही एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टोरेंट का इस्तेमाल करते हुए पकडे जाने पर भारी भरकम जुर्माना सहना पड़ गया था, वही 2015 में एक केरल के युवक को जेल की हवा खानी पड़ गई थी ।

भारत सरकार ने देश भर में कई वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया है और अगर आप उनपर किसी भी तरह से एक्सेस करने का प्रयास करते है तो यह आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है।

भारत सरकार द्वारा ब्लॉक किये गए यूआरएल :

RTI द्वारा पूछे गए सवाल में सरकार ने बताया की सितम्बर 2017 तक कुल 23030 वेबसाइट को बंद किया जा चूका है हालाँकि सरकार ने वेबसाइट का नाम सार्वजानिक करने से मना कर दिया है।

क्या है टोरेंट ?
टोरेंट का हिंदी में अर्थ होता है तेजी से बहता हुआ पानी परन्तु इनफार्मेशन ऐज में इसकी परिभाषा भी बदल गई है जिसको अगर परिभाषित किया जाये तो यह एक बिट टॉरेंट फ़ाइल प्रणाली में, एक टॉरेंट फ़ाइल कोई कंप्यूटर फ़ाइल होती है जिसमें फ़ाइलों का मीटाडाटा होता है और ट्रेक्स की सूची भी होती है। इतनी घनिष्ट परिभाषा पढ़ कर सब ऊपर से निकल गया ना ! अगर देसी भाषा में बात की जाये तो यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिसकी मदद से हम कोई भी सॉफ्टवेयर, वीडियो, फोटो, गेम आदि को डाउनलोड कर सकते है। बिलकुल इसमें ज्यादातर कॉपीराइट कंटेंट ही मिलता है जो कि आप फ्री में डाउनलोड कर सकते है।


कहा मिलगा टोरेंट ?
टोरेंट की मार्किट में बाकायदा वेबसाइट मौजूद है जो आपको पेड सॉफ्टवेयर, मूवी, गेम, ई-बुक आदि को मुफ्त में डाउनलोड करने का सलीका प्रदान करती है। कुछ पॉपुलर वेबसाइट जैसे – THE PIRATE BAY, MAGNETDL, KISS TORRENT जैसी वेबसाइट गूगल करने पर मिल जाएँगी।

टोरेंट का इतिहास
अप्रैल 2001 में प्रोग्रामर BRAM COHEN ने इसका प्रोटोकॉल तैयार किया था जिसे उन्होंने जुलाई 2001 में रिलीज़ किया था जिसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी BitTorrent, Inc.के नाम से बनाई जिसे हर टोरेंट करने वाला अच्छे से जानता पहचानता होगा ।