नईदिल्ली : कांग्रेस नेता उदितराज नें राहुल गांधी व 3 पूर्व CM दिग्विजय सिंह व हरीश रावत व शीला दीक्षित के लिए किया था प्रचार ये चारों अपनी सीट नहीं बचा पाए |
देश में लोकसभा चुनाव 2019 का शोर लगभग प्रधानमंत्री मोदी के दोबारा शपथ लेने के साथ ही थम गया है लेकिन इसी बीच हम आपके लिए लाए हैं चुनावी मसाला की जबरदस्त रिपोर्ट |
दरअसल हम बात कर रहे हैं देश में दलित राजनीति के बड़े चेहरों में से एक डाक्टर उदितराको की जोकि उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा के सांसद थे लेकिन 24 अप्रैल को उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया | भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने भाजपा को दलित विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाया | इसके अलावा उन्होंने इशारों इशारों में राष्ट्रपति कोविंद को भी गूंगा बहरा दलित बता दिया था |
वहीं उन्होंने भाजपा छोड़ने के बाद कहा था कि वो अकेले भाजपा की 20-30 सीटें कम कर देंगे लेकिन हमारी खोजी रिपोर्ट नें उनके दावे को खोखला पाया |
2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने दिल्ली की उत्तर पुर्वी सीट से भाजपा के सांसद के तौर पर बड़ी जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार भाजपा नें उनका टिकट काटकर गायक हंसराज हंस को थमा दिया | हालांकि सीट न मिलने से खफ़ा उदितराज नें कांग्रेस थामी और कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश लिलोठिया के लिए कई जनसभाएं की लेकिन वो अपनी ही सीट पर नहीं जिता पाए |
इसके बाद उन्होंने 3 पूर्व CM क्रमशः दिग्विजय सिंह (MP) के लिए भोपाल में प्रेस कान्फ्रेंस व प्रचार किया, हरीश रावत (उत्तराखंड) के लिए प्रचार किया, शीला दीक्षित (दिल्ली) के लिए जनसभाएं की लेकिन ये कांग्रेस के इन दोनों दिग्गज को जीत दिलाने में नाकाम रहे उदितराज |
इसके बाद उन्होंने अपने गढ़ दिल्ली में सभी 7 सीटों में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए दर्जनों नें जनसभाएँ किया लेकिन यहाँ भी वो पार्टी का खाता तक नहीं खुलवा सके | इसके अलावा दक्षिण मुंबई में एकनाथ गायकवाड़ व पूर्वी मुंबई में प्रिया दत्ता रानी के लिए प्रचार किया लेकिन कांग्रेस यहाँ भी हार गई |
वहीं पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में उन्होंने पार्टी के लिए प्रेस कान्फ्रेंस और प्रचार किया लेकिन वहां भी पार्टी के पवन कुमार हारे और हाथ कुछ नहीं लगा और भाजपा की किरण खेर वहां से जीत गईं |
इसके बाद बात करते हैं जातिगत राजनीति की प्रयोगशाला यूपी व बिहार की तो यहाँ भी उदितराज को 440 वाल्ट के झटके ही लगे | उन्होंने राजधानी लखनऊ में पार्टी के लिए प्रेस कान्फ्रेंस की और प्रचार किया लेकिन यहां से कांग्रेसी प्रमोद कृष्णन हार गए और राजनाथ सिंह जीत गए | CM योगी के गढ़ गोरखपुर में उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार किया लेकिन वहाँ भी भाजपा के किशन शुक्ला जीत गए | राज्य की सबसे हाई प्रोफाइल सीट अमेठी में राहुल गांधी के लिए प्रचार किया लेकिन वहां भी उनकी आशा पर स्मृति नें पानी फेर दिया |
वहीं बिहार की बात करें तो उन्होंने पार्टी के लिए पटना के सदावत आश्रम में प्रेस कान्फ्रेंस किया लेकिन पार्टी यहाँ भी हार गई |