नई दिल्ली: टिकट कटने के बाद से उदित राज के लिए बेहद बुरी बन चूँकि बीजेपी ने दो तीन महीने पहले ही डॉ उदित राज का टिकट काटने का मन बना लिया था।
पार्टी के लिए हर छोर पर मुश्किल खड़ी कर रहे इस कथाकथित दलित नेता ने पार्टी मुख्यतः सवर्ण वोट बैंक को तोड़ने का बखूबी कार्य किया था चाहे वह बार बार टीवी पर आकर सवर्णो को मेरिट मोंगर कहना हो या सवर्णो के कारण देश की बर्बादी हुयी इसका आरोप लगाना हो, हर मोर्चे पर उदित राज ने पार्टी की लाइन से हटकर अपनी राजनीति चमकाने पर अच्छा ध्यान दिया था।
दिलचस्प बात यह है की टिकट कटने से पहले उदित राज अपने नाम के आगे चौकीदार लगाया करते थे तब तक देश का मुखिया काफी अच्छा था पर एकाएक टिकट कटने पर दलित विरोधी हो उठा।
डॉ साहब को यह शायद मालुम नहीं की उनकी सीट से दूसरे दलित नेता को टिकट दिया गया है।
हज़ारो समर्थक संग त्याग दिया हिन्दू धर्म
सोशल मीडिया पर काफी हवा उड़ाई जा रही है की उदित राज ने हज़ारो समर्थको संग हिन्दू धर्म का त्याग करके बौद्ध धम्म अपना लिया है।
हमारी टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो पाया की डॉ उदित राज ने आयकर अधिकारी रहते हुए अखिल भारतीय परिसंघ नाम का संगठन बनाया था जिसकी मदद से वह देश भर के दलितों को एक करने का कार्य कर रहे थे।
इसी दौरान उदित राज ने हज़ारो की संख्या में समर्थको संग हिन्दू धर्म को गलत बताते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया था। ज्ञात हो की इससे पहले उदित राज का नाम राम राज हुआ करता था जिसे धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने उदित राज कर दिया।