नईदिल्ली : सोशल मीडिया में आरक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है दिनभर आज आरक्षण हटाओ या बचाओ ट्रेंड कर रहा है।
भारत सहित दुनिया भर में सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का सबसे मजबूत माध्यम बन चुका है। ट्विटर पर तो आजकल जो भी चीज़ें ट्रेंडिंग में होती हैं वो कहीं न कहीं सरकारों के सिस्टम व नीतियों को प्रभावित करती हैं।
ऐसे में आज दिनभर लोगों नें देश के बेहद ही संवेदनशील मुद्दे यानी आरक्षण पर अपनी बातें लिखनी शुरू की।
शाम को जब हम इस आरक्षण पर ख़बर लिख रहे हैं उससे पहले आरक्षण को लेकर पहली बार दो ट्रेंड भारत में टॉप पर रहे।
इन ट्रेंड्स पर 50 हज़ार से ज़्यादा ट्वीट रीट्वीट हो चुके हैं। पहला ट्रेंड #आरक्षण_बचाओ_संविधान_बचाओ व दूसरा ट्रेंड_आरक्षण _हटाओ _देश_बचाओ।
इन ट्रेंड्स पर उन लोगों नें ट्वीट किए हैं जिनके 10, 20, 30, 40 हज़ार या इससे अधिक फॉलोवर्स हैं जबकि कुछ के पास ब्लू टिक हैं। जिसमें राजनीतिक
चेहरे भी पीछे नहीं हटे ख़ुद RJD नें इसमें हाथ आजमाया है।
ज़ाहिर है आरक्षण का मुद्दा था तो लोगों नें इसका विरोध भी किया जबकि कुछ नें इसका समर्थन।
RJD नें कहा कि “आरक्षण और संविधान बहुजनों के इस देश के प्रति आस्था और आगे बढ़ने का आधार है।
“अगर आरक्षण और संविधान का वास्तविक स्वरूप नहीं बचा तो बहुजन सुनिश्चित कर देंगे कि यह देश भी नहीं बचेगा।”
आरक्षण और संविधान बहुजनों के इस देश के प्रति आस्था और आगे बढ़ने का आधार है।
अगर आरक्षण और संविधान का वास्तविक स्वरूप नहीं बचा तो बहुजन सुनिश्चित कर देंगे कि यह देश भी नहीं बचेगा।#आरक्षण_बचाओ_संविधान_बचाओ
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 13, 2019
इसके अलावा आरक्षण के पक्ष में ट्रेंड पर जो टॉप पर थे वो आम आदमी पार्टी विधायक राजेन्द्र पाल गौतम, राजेन्द्र नें आरक्षण के पक्ष में कहा कि “अपने सभी रूपों में अस्पृश्यता का उन्मूलन एक ग़ैरसोचा संवैधानिक अधिकार है। यह आपराधिक है।”
Abolition of untouchability in all its forms remains an unrealised constitutional right.This is criminal. How a contractor first asked to pose for pic & then asked scavenger to remove safety gear before entering the septic tank!#आरक्षण_बचाओ_संविधान_बचाओ
https://t.co/izlWQR33vR— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) November 13, 2019
दूसरा नाम हंसराज मीणा का जोकि ट्राइबल आर्मी के संस्थापक, लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता हैं वो आरक्षण के पक्ष में कहते हैं ”
आजादी के 70 साल बाद भी हमारी आधी से ज्यादा आदिवासी जनजतियों को तो ये भी पता नहीं कि, आरक्षण व्यवस्था हैं क्या? वो आज भी अपने संबैधानिक अधिकार से अनभिज्ञ हैं। आरक्षण हटाने की पैरबी करने वाले, उनके पक्के दुश्मन हैं। हम इन दुश्मनों के खिलाफ लड़ते रहेगें। #आरक्षण_बचाओ_संविधान_बचाओ
— Hansraj Meena (@ihansraj) November 13, 2019
अब आरक्षण के विरोध करने वालों नें मेरिट को मुद्दा बनाया और अपनी प्रतिक्रियाएं दी।
इसमें एक ऐसे यूज़र नें आरक्षण का विरोध किया जो ख़ुद OBC आरक्षित श्रेणी में आते हैं, उमेश कुमार नें कहा कि “मैं OBC हूँ मगर आरक्षण नहीं चाहता, ख़ुद पर भरोसा होना चाहिए।”
#आरक्षण_हटाओ_देश_बचाओ
I come from OBC background but I don’t want reservation…Khud par bharosa hona chahiye….
Yeh reservation ki bheek humne bhikari k liye chod di hai..
— Umesh_kumar (@umeshkumar204) November 13, 2019
ऐसे ही यूजर अनुज बाजपेयी लिखते हैं “DM के बेटे को आरक्षण, जज में बेटे को आरक्षण, IAS-IPS के बेटे को आरक्षण, दरोगा के बेटे को आरक्षण क्योंकि वह दलित है !”
“गरीब किसान के बेटे को आरक्षण नहीं, गरीब चपरासी के बेटे को आरक्षण नहीं, गरीब दुकानदार के बेटे को आरक्षण नहीं क्योंकि वह सवर्ण है।”
DM के बेटे को आरक्षण,
जज में बेटे को आरक्षण,
IAS ,ipsके बेटे को आरक्षण,
दरोगा के बेटे को आरक्षण .. क्योंकि वह #दलित है !!गरीब किसान के बेटे को आरक्षण नहीं , गरीब चपरासी के बेटे को आरक्षण नहीं , गरीब दुकानदार के बेटे को आरक्षण नहीं …क्योंकि वह #सवर्ण है#आरक्षण_हटाओ_देश_बचाओ
— ANUJ BAJPAI (@Real_Anuj) November 13, 2019
एक VHP कार्यकर्ता अभिषेक मिश्रा नें आरक्षण के विरोध में कहा कि “मैं आरक्षण हटाओ देश बचाओ टैग का समर्थन करता हूँ।”
I support #आरक्षण_हटाओ_देश_बचाओ tag.
— Abhishek Mishra (@Abhishek_Mshra) November 13, 2019