नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “आयुष्मान योजना” को लगभग काफी समय हो गया है, लेकिन आयुष्मान योजना की ज़मीन पर सच्चाई कुछ और ही नजर आ रही है। देखने में आया है कि अधिकारी इस योजना को लेकर गंभीर नहीं हैं और ठीक से इस पर काम नहीं कर रहे हैं।
एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला है, जहाँ एक व्यक्ति का आयुष्मान योजना के तहत फ्री इलाज नहीं किया गया है। पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि किंग जॉर्ज्स मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारी ने उससे कहा कि “जाओ पहले मोदी से पैसे लेकर आओ, फिर इलाज कराना”। पीड़ित का नाम कमलेश है जो कि शाजहांपुर के तिलहर का रहने वाला है।
पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसके पास आयुष्मान योजना का हेल्थ कार्ड भी मौजूद था, जिसके बाद भी अस्पताल के अधिकारी ने उसका इलाज करने से मना कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित को बिजली से झटका लगा था जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
हालाँकि तिलहर के विधायक रोशन लाल ने जब इस मामले को अपने संज्ञान में लिया तब कहीं जाकर अस्पताल ने उसका इलाज किया, लेकिन फिर भी पीड़ित कमलेश का कहना है कि इसके बावजूद उसे करीब 15 हजार की दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ी हैं।
हम आपको बता दें कि छह महीने पहले 01 अप्रैल को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी , जिसके द्वारा गरीब परिवार अपना फ्री इलाज करा सकते हैं।