नईदिल्ली : 17 फरवरी के दिन पहली बार किसी अंतर्राष्ट्रीय टीम नें टी-20 मैच खेला था | यह मैच दो पड़ोसी देशों आस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड के बीच हुआ था |
फटाफट क्रिकेट यानी टी-20 युग की शुरुआत :
क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि आज ही के दिन गेंदबाजों की सर्फेक्सल वाली धुलाई और बल्लेबाज़ों की अंधाधुंध भजाई वाले फटाफट टी-20 की शुरुआत हुई थी | बात है साल 2005 की जब दो पड़ोसी देश आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड नें 17 फरवरी के दिन न्यूज़ीलैंड के आकलैंड क्रिकेट ग्राउंड में क्रिकेट इतिहास का पहला अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेला था |
यह मैच कंगारुओं नें अपनी झोली में डाल लिया था, इस मैच में कंगारुओं के सेनापति थे उनके धांसू बल्लेबाज रिकी पोंटिंग | उनकी कप्तानी में खेले गए मैच में टीम को जिताने का बहुत बड़ा योगदान खुद उनका ही था | क्योंकि पहले ही मैच में उन्होंने धुआंधार 98 रन केवल 55 गेदों में ही ठोक डाले थे और मैन आफ़ द मैच का ख़िताब भी ले गए |
टी-20 में इंडिया की एंट्री और सचिन का फर्स्ट एंड लास्ट मैच :
लगभग 10 महीने बाद 1 दिसंबर 2006 से भारत की भी क्रिकेट के इस धुआंधार प्लेटफार्म वाली मंगलमाय यात्रा शुरू हो गई क्योंकि श्री गणेश भी मंगल ही था | दरअसल भारत साउथ अफ्रीका के घर खेलने गया था वहीं सीरीज के अंत में एक टी-20 मैच भी खेला गया था |
इस मैच में विरेंदर सिंह नें कप्तानी की थी हालांकि उन्होंने यह पहली और आखिरी बार ही किया था | इस मैच में सचिन तेंदुलकर, दिनेश कार्तिक, हरभजन सिंह, जैसे बड़े खिलाडियों नें मैच खेला था | भारत नें मैच 6 विकेट से जीता, दिनेश कार्तिक नें नाट-आउट 31 रन बनाकर मैच जिताऊ पारी खेली यानी मैन आफ द मैच वही ले गए थे |
टी-20 का 10वां ही मैच था जब सचिन यह सहित भारत पहला मैच खेली लेकिन सचिन नें इस मैच में 10 रन बनाए और यहां से उन्होंने फिर कभी टी-20 मैच ही नहीं खेला | यानी कि उनके एकाउंट में टी-20 के नाम पर 1 मैच और 10 रन ही रह गए | हालांकि हमनें उनको IPL में जरूर खेलते देखा पर अन्तर्राष्ट्रीय मैच उनका यही फर्स्ट एंड लास्ट था |
अच्छा तो अब हम चलते हैं फिर मिलेंगे एक नई कहानी के साथ…