दिल्ली :- देश की राजधानी दिल्ली और अपराध वैसे कोई नई बात नहीं होती है पर जब बात हो सही काम करने की और उसमें किसी की जान ले ली जाए तो फिर सब का पारा ऊपर चढ़ेगा ही कि ये क्या हो क्या रहा है ?
हम बात करें हैं दक्षिणी दिल्ली के तैमूर नगर इलाके की जहां रूपेश बसोया नाम के एक व्यक्ति को एक ड्रग्स माफिया की गोली का शिकार बनना पड़ा फिर बाकी की कोर कसर करने में पुलिस भी कम क्यों पड़ती और कार्यवाही करने में पता नहीं क्यों शर्मा रही थी जिससे उससे लापरवाही हुई ?
खैर उन गफ़लत करने वाले एसएचओ और एएसआई को निलंबित कर दिया गया है। वहीं न्याय की गुहार करने वाले लोगों ने सियासी लोग से भी न्याय की मांग के लिए उनका हाँथ मांगा है।
8 अक्टूबर को न्याय के प्रतीक स्वरूप कैंडल मार्च भी निकाला जाएगा इसके अलावा दिल्ली एनसीआर से सटे क्षेत्रों से कई हजार लोग महापंचायत में आए, लगभग 360 गांव से लोगों ने इस महापंचायत में न्याय के लिए आवाज उठाई।
पंचायत को पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी ने संबोधित किया और उन्होंने परिवार को हरसंभव मदद की सहानुभूति प्रदान की और यहां तक कहा कि हम इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्री तक पहुंचाएंगे पंचायत में इसके अलावा भी और कई मांगे उठी इसमें कहा गया कि पत्नी को सरकारी नौकरी दिया जाए, बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिया जाए और रूपेश को शहीद का दर्जा भी दिया जाए।
इस तरह से बढ़ते अपराध और फिर राजधानी में लोगों को भय के संकट में डाल रहे ऐसे ड्रग्स माफिया हैं और अगर यहां की पुलिस व्यवस्था इसके रोकथाम में नाकाम हो रही है तो यह बड़े दुख का विषय भी हो जाता है। लेकिन इसका उपाय जल्द खोजना होगा ताकि लोग डर ना महसूस कर सकें और बेबाकी से अपने घर से बाहर काम के लिए जाए और अपना पेट चलाएं।