‘हरिजन और ‘धोबी’ शब्द कहने पर अब होगी जेल’ : सुप्रीम कोर्ट…?

वायरल खबर का हेलो चेक, सुप्रीमकोर्ट के अनुसार हरिजन शब्द कहने पर अब भुगतनी पड़ेगी जेल...?

नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के फरमान के अनुसार अब हरिजन शब्द कहने पर ही जाना पड़ेगा जेल वायरल खबर किया गया है दावा !

इन दिनों सोशल मीडिया में एक खबर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि मात्र हरिजन शब्द पर जेल की हवा खानी पड़ सकती है | इस खबर में साथ ही एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी वायरल है यानी इसके साथ ही लोग अलग अलग तरह से खबर का उल्लेख कर रहे हैं एक यूजर लिखते हैं विचार स्पष्ट करें !

falanadikhana.com की सोशल मीडिया टीम के पास भी ये वीडियो समेत कई तस्वीरों की स्क्रीनशॉट भेजी गई और इसे कानूनी विशेषज्ञों की सहायता से असलियत बताने के लिए अनुरोध किया गया |

इसमें मुख्यरूप से यही कहा गया कि “हरिजन शब्द कहने में अब होगी जेल,सुप्रीमकोर्ट नें हरिजन शब्द को आपराधिक माना” | इसके बाद हमारी टीम नें चालू की हेलो चेक पड़ताल | जो चीज हमें मिली उसको बारी बारी से समझाते हैं :

इसके कुछ की वर्ड्स सर्च करने पर कुछ अंग्रेज़ी मीडिया ‘न्यूज मिनट’ व्  ‘डेक्कनक्रोंसाइल’ में हमें इसके ठीक यही कुछ मिलते जुलते शब्द मिले |

वहीं हिंदी मीडिया में ये खबर प्रमुख रूप से दैनिक भास्कर में मिली बाकी कई वेबसाइट पर ये चीजें मिली लेकिन उनपर हम दावा नहीं ठोक सकते | इसके अलावा कई वीडियो वायरल हैं जिनमें यही बात कही जा रही है |

तो हमें इस खबर की पहली असलियत यह पता चली कि ये खबर अक्टूबर 2017 की है यानी ये खबर फिलहाल नई बिल्कुल नहीं है |

इसी खबर को लेकर जानी मानी मीडिया पर्सन नें 27 अक्टूबर 2017 को ट्वीट करके कहा कि “दलितों को हरिजन कहना बंद करें, सुप्रीम कोर्ट नें इसे गाली स्वरूप माना है |”

और ये खबर भले ही पुरानी हो लेकिन ये खबर पूरी तरह सच पाई गई जिसमें सुप्रीमकोर्ट नें ये कहा था कि “भारत के नागरिक के रूप में हमें एक बात हमेशा दिमाग में रखना चाहिए कि किसी व्यक्ति, समुदाय को अपमानित नहीं करना चाहिए, ना किसी को भावनाओं को आहत करना चाहिए |”

यह फैसला देते हुए आरोपी ओंकारजीत सिंह अहलूवालिया और दो अन्य लोगों को एक अनुसूचित जाति की महिला का अपमान करने पर अग्रिम जमानत देने के आदेश को खारिज करते हुए जस्टिस आर.के. अग्रवाल और अशोक भूषण ने कहा, “शब्द ‘हरिजन’ ‘धोबी’ इत्यादि का उपयोग अक्सर तथाकथित उच्च जाति के लोगों द्वारा अपमान, दुर्व्यवहार और अपमान के शब्दों के रूप में किया जाता है।”

Adertisement

पीठ ने कहा था कि “इन नामों से किसी व्यक्ति को बुलाना आजकल अपमानजनक भाषा और आपत्तिजनक है। इसका उपयोग किसी जाति को निरूपित करने के लिए नहीं बल्कि जानबूझकर किसी का अपमान करने और अपमानित करने के लिए किया जाता है। नागरिकों को एससी की भावनाओं का सम्मान करने के लिए कहते हुए, पीठ ने कहा कि भारत के संविधान ने “अस्पृश्यता” को समाप्त कर दिया है ।”

हालाँकि इस पर कुछ लोगों की ये भी राय थी कि अरे ये शब्द कैसे अपमानजनक हो गए यहाँ तक कि महात्मा गाँधी नें दलितों को सम्मान देने क लिए ही तो पहली बार इस शब्द का उपयोग किया था और उनका एक अख़बार भी ‘हरिजन’ के नाम से निकलता था यानी कि गाँधी जी का पूरा अख़बार ही  दलितों का अपमान करता था |

हालांकि कई दलित चिंतकों समेत संगठनों नें इसको ऐतिहासिक बताते हुए स्वागत भी किया था |

निष्कर्ष स्वरूप हमनें यह पाया कि दलितों को ‘हरिजन’ या ‘धोबी’ जैसे शब्द कहना SC/ST एक्ट के अंदर आता है और ये कहने पर जेल भी जाना पड़ सकता है |

{यदि इसी तरह आपके पास कोई खबर हो या आप हमारे लिए लिखना चाहते हों या अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन सस्ते दरों में हमारे करोड़ों पाठकों तक कराना चाहते हों तो हमें ईमेल falanaeditor@gmail.com पर संपर्क करें, धन्यवाद |}