देश के खिलाफ लगी ताकतों के खिलाफ उतरे DU के छात्र, CAA व NRC पर कर रहे है हर क्षेत्र का अध्यन- ऐसे जुड़िये

इस मुहीम को लीड कर रहे मीणा के अनुसार उनकी रिसर्च में यह सामने आया है कि जिस असम को शरजील इमाम काटने की बात बांग्लादेशी मुस्लिमो से कर रहा था उसके आस पास की डेमोग्राफी काफी हद तक बदल चुकी है।

नई दिल्ली: देश में चल रहे हंगामे में आज देश में फिर से आज़ादी के समय जैसे हालत बन रहे है। बार बार विदेशी ताकतों द्वारा भारत के आंतरिक मामलो में हस्तक्षेप करने पर आशंका जता चुके युथ फॉर इक्वलिटी के अध्यक्ष व ऑर्थोपेडिक्स सर्जन डॉ कौशल कांत ने अब एक मुहीम छेड़ी है जिसमे आप भी भागीदारी निभा सकते है. दरअसल डॉ कौशल ने ही इन मुद्दों पर सबसे पहले  राष्ट्रीय चैनलों में बोलना शुरू किया था।

डॉ कौशल ने वर्ष 2016 में बनी पाकिस्तान की वह रिपोर्ट सबके सामने उजागर की थी जिसमे पाकिस्तान की सरकार ने भारत के खिलाफ उसके मुस्लिमो को भड़काने के लिए इस्लामाबाद स्थित अपने दो थिंक टैंको को यह काम सौपा था। वही विश्व स्तर पर आरएसएस को आतंकी संगठन के तौर पर पेश करने के निर्णय का भी खुलासा इसी डॉक्मेंट से हुआ था । जिसके बाद वर्ष 2019 में पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में आरएसएस के खिलाफ आग ऊगली थी। खान ने यहाँ तक कहा था कि इस संगठन की सोच जर्मनी की नाज़ी पार्टी से प्रेरित है जिसके प्रधानमंत्री PM मोदी लाइफ टाइम सदस्य है।

डॉ कौशल द्वारा इसे आज तक चैनल से लेके CNBC आवाज तक में उठाया गया जिसके बाद सरकार ने इस पर संज्ञान लिया। BJP की ओर से राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय प्रवक्त सुधांशु त्रिवेदी ने इस मामले को राजयसभा में हाल ही में डॉक्यूमेंट के साथ उठाया गया है। वही सरकार भी अब इस मुद्दे पर काफी गंभीर दिख रही है।

हमने डॉ कौशल से इस मुद्दे पर बात की तो उनका मानना था कि अगर देश में हालत ऐसे ही रहे तो फिर इस देश के टुकड़े होंगे अगर बाहरी ताकते यु ही हमारे देश में 20 करोड़ लोगो को भड़कायेगी तो देश में आपसी भेदभाव अपने चरम पर पहुंच जायेगा। डॉ कौशल के मुताबिक उनकी दिल्ली विश्विधालय के छात्रों की टीम ने इस पर बेहतरीन काम शुरू किया है जिसमे कुल 35 छात्र देश भर में लोगो से कोर्डिनेशन स्थापित करके उनसे इस मुहीम से जुड़ने की अपील कर रहे है।

वही हमने इस मुहीम को लीड कर रहे भारत मीणा ने संपर्क किया तो उनका कहना था कि देश में आज एक ऐसा माहौल है जिसे सरकार कोई तवज्जो नहीं दे रही है। मीणा के अनुसार उनकी रिसर्च में यह सामने आया है कि जिस असम को शरजील इमाम काटने की बात बांग्लादेशी मुस्लिमो से कर रहा था उसके आस पास की डेमोग्राफी काफी हद तक बदल चुकी है। भारत के चिकन नैक के आस पास काफी तादाद में बाहरी शरणार्थी रह रहे है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है और अफ़सोस यह बात हमारे देश के लोगो को मालूम तक नहीं है। मीणा ने हमें बताया कि वह पुरे देश से लोगो को जोड़ कर उन्हें उनके मुताबिक इस पर घर बैठे काम करने का मौका दे रहे है जो खुद किसी देश सेवा से काम नहीं है। उन लोगो से छात्रों कि टीम लगातार संपर्क में रहेगी, समय समय पर मिलने भी जाएगी।

दिल्ली विश्विद्यालय के छात्रों कि इस मुहीम से जुड़ने के लिए आप इस फॉर्म को भर सकते है।

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मजे की बात: यह पूरा मीडिया हाउस दिल्ली विश्विधालय के छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है