क्या इलाहाबाद का नाम बदलने पर खर्च होंगे 41 हजार करोड़ रुपये?

यह पोस्ट "ये भारत देश है मेरा" नाम के एक फेसबुक पेज से पोस्ट की गयी है, जिसे अभी तक चार हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है।

नई दिल्ली(भारत):- सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ सबसे ज्यादा झूठ फैलाया जाता है और उसे दबा के शेयर किया जाता है। आजकल एक ऐसा ही झूठ फैलाया जा रहा है और यह झूठ इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने पर आने वाले खर्च को लेकर फैलाया जा रहा है।

16 अक्टूबर को ही योगी कैबिनेट ने यूपी के शहर इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के लिए मंजूरी दे दी थी। दरअसल बहुत लम्बे समय से संत और वहां के स्थानीय लोग इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग कर रहे थे। हम आपको बता दें कि इलाहाबाद में ही अगले साल कुम्भ के मेले का आयोजन किया जाना है और इससे ठीक पहले सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है।

अब इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर एक झूठ फैलाया जा रहा है। इसमें एबीपी न्यूज़ के नाम का सहारा लिया जा रहा है और पोस्ट में कहा जा रहा है कि योगी सरकार के इस फैसले से 41 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह पोस्ट “ये भारत देश है मेरा” नाम के एक फेसबुक पेज से पोस्ट की गयी थी, जिसे अभी तक चार हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर किया है। इस पोस्ट में लिखा है कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का अनुमानित खर्च 41 हजार करोड़ रुपये है। इस खबर के वायरल होने के बाद कुछ लोग सरकार को कोस रहे थे, तो कुछ लोग सरकार की तारीफ़ कर रहे थे।

अब हमने इस पोस्ट की पड़ताल करनी शुरू की, क्या वाकई इस खबर में सच्चाई थी या यह खबर झूठी है।

पोस्ट की पड़ताल:

इस पोस्ट में एबीपी न्यूज़ के कलर, उसके लोगो और उसके स्टाइल को कॉपी किया गया है। जिसे देखकर लगता है कि यह खबर एबीपी न्यूज़ के द्वारा चलाई जा रही थी, परन्तु ऐसा नहीं था।जब हमने एबीपी न्यूज़ में कार्य कर रहे एक व्यक्ति से बात की तो उसने भी इस न्यूज़ का खंडन किया और कहा कि एबीपी न्यूज़ ने ऐसी कोई भी खबर नहीं दिखाई है।

हमारी जाँच में भी यह पोस्ट फर्जी पायी गयी है क्योकि पोस्ट में दिखाया गया फॉन्ट स्टाइल और एबीपी न्यूज़ का फॉन्ट स्टाइल अलग-अलग हैं। इस पोस्ट को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि पोस्ट पर लिखा गया टेक्स्ट अलग से एडिट किया गया है। हमारी पड़ताल में यह न्यूज़ झूठी पायी गयी है।