और इसी अवसर पर सपा नें कहा “देश के सबसे साहसिक युद्ध रेजांगला के शहीदों की याद में हम अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग दोहराते हैं।”
साहस और बलिदान की अमर गाथा 1962 भारत-चीन’ रेजांगला ‘ युद्ध के शौर्य दिवस के अवसर पर कुमाऊं रेजिमेंट की अहीर कंपनी के अमर शहीद 114 जवानों को शत – शत नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि! देश के सबसे साहसिक युद्ध रेजांगला के शहीदों की याद में हम अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग दोहराते हैं। pic.twitter.com/U8lMHtwwlR
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 18, 2019
“चीनियों ने वीर शेरों की लाशों को कम्बल से ढक, उनके सिर के साथ उनकी बन्दूक को खड़ा कर, एक कार्ड पर “बहादुर” लिख, उसे उनके सीने पर रख लाल सलाम दिया।”
विश्व इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी विरोधी सैनिक देश ने दूसरे देश के सैनिको को इतना सम्मान दिया। चीनियों ने वीर शेरों की लाशों को कम्बल से ढक, उनके सिर के साथ उनकी बन्दूक को खड़ा कर, एक कार्ड पर “बहादुर” लिख, उसे उनके सीने पर रख लाल सलाम दिया।#Yadav_Shaurya_Diwas #RezangLa pic.twitter.com/d31LdNEGbx
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) November 18, 2019
उस युद्ध में भारतीय जवानों ने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए 1300 चीनियों को मार गिराया था। उन वीर जवानों की याद में रेजांगला के चुशूल में अहीर धाम स्मारक भी बना हुआ है जो इन वीर सैनिकों की बहादुरी और साहस का गवाह है।