लखनऊ (UP) : जी आप सही सुन रहे हैं UP में चुनाव के 10 दिन बाद ही बुआ-बबुआ का महागठबंधन टूट गया, इसमें विलेन जानते हैं कौन बना ? वोट ट्रांसफरिंग |
कभी राजनीति के जानी दुश्मन माने जाने वाले सपा बसपा की एक और कहानी चुनाव खत्म होने के 10 दिन बाद आ गई | जी आपने बहन मायावती जी और भईया अखिलेश की संयुक्त प्रेस वार्ता देखी होगी जिसमें 1995 वाले गेस्ट हाउस कांड को भुलाते हुए दोनों नेताओं नें लोकसभा 2019 के लिए एक साथ चुनाव लड़ने का वादा किया था |
ये वादा पूरा भी किया UP में सपा को 5 और बसपा को 10 सीटें भी मिल गईं लेकिन आज 3 जून को ये गठबंधन फिर से टूट गया जब बहन जी नें कहा कि “यादव वोट ट्रांसफर नहीं हुए ,विधानसभा उपचुनाव हम अकेले लड़ेंगे |”
अंक गणित के हिसाब से उनकी बात भी सही है क्योंकि 2014 में खाता न खोलने वाली बसपा इस बार 10 सीटें लेकर आई लेकिन वोट प्रतिशत 2014 के मुकाबले 2019 में 19.77 से 19.26 आ पहुंचा | वहीं सपा का भी खाता 2014 में नहीं खुला था और उनका 2019 में वोट प्रतिशत 22.35 से 17.96 पर अटक गया हालांकि सीटें 5 जरूर आई हैं |
तो कुलमिलाकर मोटा-माटी बात यही है कि बसपा UP में आगामी उपचुनाव अकेले लड़ने वाली है और ये 11 सीटों पर होने वाले हैं | हालांकि इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई लेकिन लखनऊ में पार्टी की समीक्षा बैठक हुई जिसमें सूत्रों की माने तो हार के कारणों समेत EVM जैसे मुद्दे सामने रखे गए |
BSP sources on today’s meeting of party leaders: It was a closed door review meeting, election results were discussed. It was analysed why we lost, how we lost. Several issues including EVMs were discussed. No decision or discussion took place on the future of Gathbandhan. pic.twitter.com/6kPrPAOU2q
— ANI UP (@ANINewsUP) June 3, 2019