नईदिल्ली :10 वर्षों तक आरक्षण बढ़ाने वाले बिल सर्वसम्मति से संसद में पास कर दिया गया जिसकी बधाई भी प्रधानमंत्री नें दे दी है ।
अब इस बिल के अनुसार लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी और एसटी के लिए आरक्षण को अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन निचले सदन लोकसभा में सूचीबद्ध बिल के अनुसार एंग्लो-इंडियन समुदाय का नामांकन अगले साल 25 जनवरी से समाप्त कर दिया जाएगा।
सोमवार को 126वें संविधान संशोधन बिल को लोकसभा में पेश किया गया था जिसे मंगलवार को निचले सदन नें बिना किसी विरोध किए सर्वसम्मति से पास कर दिया है।
Lok Sabha passes “The Constitution (One Hundred and Twenty-Sixth Amendment) Bill, 2019” to continue the reservation of seats for the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes for another ten years i.e. up to 25th January, 2030. pic.twitter.com/LW6Qt5UWTw
— All India Radio News (@airnewsalerts) December 10, 2019
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें कहा कि “मैं संविधान संशोधन (126वें) विधेयक, 2019 के सर्वसम्मति से पारित होने पर बहुत अधिक खुश हूं, जो SC/ST आरक्षण को दस और वर्षों के लिए बढ़ाता है।”
इसके आगे PM बोले “हम अपने नागरिकों, विशेष रूप से हाशिए में रहे लोगों के सशक्तिकरण के प्रति अटूट वचनबद्ध हैं।”
I am overjoyed on the unanimous passage of The Constitution (One Hundred and Twenty-Sixth Amendment) Bill, 2019 that extends SC/ST reservations for ten more years.
We are unwaveringly committed towards the empowerment of our citizens, especially the marginalised.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2019
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा लोकसभा में सोमवार को पेश इस बिल का तृणमूल कांग्रेस नें विरोध किया था।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने संविधान (126 वें) संशोधन विधेयक को पेश करने का विरोध करते हुए कहा था कि “एंग्लो-इंडियन समुदाय को प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है”।
#LokSabha Trinamool’s Saugata Roy opposes the introduction of The Constitution (126th Amendment) Bill, 2019
VIDEO & FULL TRANSCRIPT >> https://t.co/e3EfxpX1Tm pic.twitter.com/nzTXXgyLp4
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) December 9, 2019
हालांकि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बहस के दौरान कहा था कि “विधेयक में प्रावधानों को जाना जा सकता है कि एससी और एसटी समुदायों के आरक्षण का विस्तार प्रतिनिधित्व के लिए था, जबकि एंग्लो-इंडियन समुदाय को नामांकित किया गया था।”
Introduced the Constitution (126th Amendment Bill) 2019, in the Lok Sabha today to extend the benefit of reservation to SC/ST communities in central and state legislatures by another 10 years. pic.twitter.com/m7qOziQS8f
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 9, 2019
हालांकि इस बिल को सदन में पेश कर दिया गया और इसे चर्चा के लिए रख दिया गया था जोकि अब सर्वसम्मति से पास हो गया।
अनुच्छेद 334 के तहत, इन समुदायों को 70 साल 25 जनवरी, 2020 तक विधायिका में आरक्षण दिया गया था। संसद में अनुसूचित जाति के 84 और अनुसूचित जनजाति समुदाय के 47 सदस्य हैं।
पूरे भारत में राज्य विधानसभाओं में 614 एससी सदस्य और 554 एसटी सदस्य हैं। आज तक, एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्यों को लोकसभा में नामांकित करने का प्रावधान है, लेकिन लोकसभा वेबसाइट के अनुसार, उन्हें अभी तक नामांकित नहीं किया गया है।
अध्यक्ष सहित, लोकसभा में 4 दिसंबर को 543 सदस्य हैं। जबकि विधायिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से किया जाता है, इन श्रेणियों के लिए नौकरियों में समान आरक्षण दिया जाता है।