भोपाल (MP) : एससी एसटी एक्ट के बेजा इस्तेमाल में लगातार उठते सवालो के बीच जबलपुर हाई कोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
एमपी के ग्वालियर स्थित घाटमपुर में रहने वाले राजेश सिंह भदौरिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आपसी रंजिश में प्रशासन एससी एसटी न लगाए।
दरअसल राजेश के पड़ोस में रहने वाले दलित परिवार से उनकी लम्बे अर्से से आपसी रंजिश चल रही थी जो एक दिन बड़े वाद विवाद में बदल गयी।
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कोर्ट ने अपनी जांच में पाया कि जिस समय दलित परिवार ने राजेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था उस वक़्त उन्होंने जातिगत भेदभाव का कोई आरोप नहीं लगाया था वही बाद में पुलिस की सांठ गाँठ के साथ बाद में धराएं बढ़वा दी थी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए है कि वह राजेश के परिवार पर लगी एससी एसटी एक्ट की धाराओं को तत्काल प्रभाव से वापस ले।
आपको हम बता दे कि एमपी बार एसोसिएशन की तरफ से पिछले साल एक रिपोर्ट जारी कर के कहा गया था की करीब 80 फीसदी मामले फर्जी पाए गए, वही 85 प्रतिशत मामलो में ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगो पर एक्ट थोपा गया था।
【लेखक : शिवेंद्र तिवारी, फ़ॉलो करें ट्विटर पर @ShivendraDU98】