20 नवंबर से एससी-एसटी एक्ट पर दोबारा सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

मोदी सरकार के नए एससी-एसटी एक्ट 18A के लागू होने से दलितों के खिलाफ अपराध में तत्काल गिरफ्तारी होगी और अग्रिम जमानत भी नहीं मिल पायेगी।

नई दिल्ली :- एक तरफ जहाँ एससी-एसटी एक्ट मोदी सरकार के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है, वहीँ एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 20 नवंबर को सुनवाई करेगा।

बीते सोमवार को हुई मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा है कि उनका जवाब तैयार है और वह शुक्रवार तक जवाब दाखिल कर देगी। हम आपको बता दें कि मोदी सरकार के नए एससी-एसटी एक्ट 18A के लागू होने से दलितों के खिलाफ अपराध में तत्काल गिरफ्तारी होगी और अग्रिम जमानत भी नहीं मिल पायेगी।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये जो नया कानून है वह असंवैधानिक है और सुप्रीम कोर्ट को इसे रद्द करना चाहिए। उनके अनुसार यह कानून व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन करता है और एससी-एसटी एक्ट के जरिये करोड़ों लोगो के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है।

हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी एससी-एसटी एक्ट पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुका है और उसमे बदलाव भी किया था, परन्तु सरकार ने संसद के रास्ते जाकर इस कानून में परिवर्तन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट पर कहा था कि डीएसपी पहले मामले की जाँच करेगा कि मामला कहीं झूठा तो नहीं है और इसके अलावा, आरोपी को एफआईआर दर्ज होने के बाद तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जायेगा।