पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में लगातार हो रही बच्चो की मौतों पर पहले RJD ने जात ढूंढ निकाली थी अब मोदी जी के सांसद ने भी पता लगा लिया है। दोनों में फर्क इतना है की इन सांसद महोदय ने इसके पीछे फैक्ट भी दिया है।
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम(AES) माने की चमकी बुखार ने अभी तक 110 बच्चो की जान निगल ली है पर गच्च खाये बैठे सरकारी महकमे व सरकार दोनों ही ख़ामोशी से इसको देखते जा रहे है।
सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी से लेकर दवाई की शॉर्टेज ने AES का बखूबी साथ दिया जिसका भुगतान मासूम बच्चो की जानो को करना पड़ा।
बच्चो की इतनी भारी संख्या में मौतों पर राजनीती थमने का नाम नहीं ले रही है। मुजफ्फरपुर से भाजपा सांसद अजय निषाद बीमारी के लिए सरकार को दोषी नहीं मान रहे है ।
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उनका कहना है कि जो गरीब बच्चे बीमारी से ग्रस्त है वह गरीब परिवार से आते है जोकि अनुसूचितजाति से अधिक होते है । इन बच्चो का रहन सहन बेहद निम्न स्तर का होता है जिस कारण गन्दगी से इन्हे यह बीमारी आसानी से चपेट में ले लेती है।
इससे पार पाने के लिए सांसद जी ने 4G फार्मूला पेश किया है जिसमे पहले जी से गांव दूसरे जी से गर्मी तीसरे जी से गरीबी व आखिरी जी से गन्दगी पर कार्य करने की जरुरत है।
हर कोई इधर उधर की बात कर रहा है लेकिन लचर अस्पताल व्यवस्था पर अभी तक कोई बात नहीं हो रही है। जहा प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट करना भी मुनासिब नहीं समझा है तो वही नितीश भी अभी तक इसपर खामोश ही नजर आये है।