आया बैट लेकर था, जीतकर ले गया करोड़ों दिल

जब बच्चे 16 साल की उमर में स्कूल की दीवारों में कैद होते हैं तब सचिन नें 1989 में पाकिस्तान से क्रिकेट के एक युग की शुरुआत की थी; आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मैथ्यू हैडन नें कहा था - "मैंने भगवान को देखा है, वो चौथे नंबर पर भारत के लिए बैटिंग करता है "

नईदिल्ली : आना-जाना इस दुनिया में एक नियम है, ऐसी ही दुनिया क्रिकेट की भी है | इस खेल को खेलने के लिए भी कई खिलाड़ी आते हैं इसी में कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें दुनिया कभी भूल नहीं पाती है | ऐसा ही एक नाम सचिन तेंदुलकर का है जिसे क्रिकेट की दुनिया का भगवान कहा जाता है |

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बाली उमरिया से ही सचिन नें अपना जीवन क्रिकेट के लिए समर्पित कर दिया था | उनका जनम मराठी परिवार में प्रोफेसर रमेश तेंदुलकर साहब के यहाँ 24 अप्रैल 1975 को हुआ था | बंबई नगरिया नें सचिन से पहले भी कई खिलाड़ी दिए थे लेकिन सचिन के आने के बाद यह दुनिया में क्रिकेट की फैक्ट्री के नाम से पहचानी जाने लगी |

16 साल की उमर में डेब्यू, सफर 2.5 दशकों तक चलता रहा :

जब 16 साल की उमर का लड़का स्कूल की दीवारों के अंदर होता है उसी उमर में सचिन नें हिंदुस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय मैच अपने पड़ोसी पाकिस्तान के खिलाफ़ 15 नवंबर, 1989 को खेलना शुरू किया था |

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उस दौरे में पाक की घातक तेज गेंदबाजी के सामने सचिन को खेलना पड़ा था | पहले ही मैच में हेलमेट में जोरदार गेंद भी लगी थी पर ये कौन जानता था कि उसी गेंद को सचिन कई सालों तक अपना गुलाम बना लेंगे ? भारत में अगर क्रिकेट को धर्म की तरह पूजते हैं तो फिर सचिन को क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है |

सचिन के क्रिकेट सफ़र पर निहारती नयनें :

                 मैच       रन         50s/100s 

टेस्ट           200     15921    68/51 

वनडे          463     18426    51/49

टी-20         01       10          00

आईपीएल   78      2334      13/01

दुनिया नें सचिन को कैसे देखा :

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विदा जब वो क्रिकेट के मैदान से हुए :

सचिन नें जब 24 सालों में क्रिकेट को जी भर कर जी लिया तब उन्होंने उससे जुदाई का मन बनाया | दुनिया का कोई भी क्रिकेट प्रेमी कम से कम ये दिन नहीं देखना चाहता था | हालांकि 14 नवंबर, 2013 को सचिन नें वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ़ टेस्ट में क्रिकेट को अलविदा कहा जिस वानखेड़े स्टेडियम में खेल खेल सचिन बड़े हुए थे |

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उनके कुछ शब्द यूं ही क्रिकेट प्रेमियों के दिल में जगह बना चुके हैं |

सचिन – ” अपने खेल का आनंद उठाइए, अपने सपनों के पीछे जाइए क्योंकि सपने एक दिन सच होते हैं | “