ना जी, हमें आपका टिकट बांटना रास न आया : संघ 

कई ऐसे नाम जिसे जनता बोले ना, पार्टी बोले हां; अब तक 2 सूची में भाजपा 194 उमीदवार के नाम कर चुकी है फाइनल

भोपाल : जैसा कि आगामी 28 नवंबर को सूबे में विधानसभा के लिए वोट डाले जाने हैं । इस लिहाज से सत्ताधारी दल भाजपा यानी शिवराज सरकार सत्ता का चौका जड़ने के लिए पंख फड़फड़ा रही है वहीं 3 बार से वनवास झेल रही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी कम बैक के लिए ताल ठोक रही है ।
उधर इस बार सपाक्स नाम की संस्था तीसरे फ्रंट की हुंकार भर चुकी है इसलिए अभी है मुकाबला कई मायनों में दिलचस्प हो चला है । अब बात करें भाजपा की तो उसने अब तक 2 सूचियों  के जरिए 194 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं । और जल्दी ही बांकी नाम भी सामने आ सकते हैं ।
जनता को जो मंजूर नहीं, पार्टी माने वही सही :आरएसएस
भाजपा की संरक्षक आरएसएस इस बार पार्टी के टिकट वितरण से नाखुश दिखाई दे रही है । क्योंकि संघ का जो सर्वे हैं उसमें उसने 70 से 80 ऐसे विधायकों के नाम सामने किए थे जिन पर इस बार लोगों का विश्वास उठ चुका है और माहौल भी  उनके पक्ष में नहीं है । फिर भी ऐसे लगभग 30 नाम पार्टी ने दोबारा सर्वे को नजरअंदाज करते हुए फाइनल कर दिए हैं ।
हालांकि संघ और पार्टी दोनों के बीच इस बार एमपी चुनाव में आपसी तालमेल सही दिख नहीं रहा है । क्योंकि सूबे में सरकार वैसे भी 3 बार की एंटी इनकंबेंसी झेल रही है और ऐसे में उन्हीं विधायकों को टिकट देना संघ के हिसाब से फायदेमंद नहीं नहीं होने वाला है ।
जो हुआ सो हुआ बाकी सीटों पर हो सकती है भरपाई :
टिकट वितरण को लेकर संघ और पार्टी के दरमियान तालमेल पहली 2 सूचियों में ठीक नहीं दिखा । लेकिन अब बांकी 36 सीटों पर संघ के सुझाए हुए नामों पर पार्टी महत्व दे सकती है । भाजपा के लिए काम कर रहा संघ उन सीटों पर उतना तवज्जो नहीं देने वाला है जहां लोग मौजूदा विधायकों को दोबारा उनका प्रतिनिधि बनना नहीं देखना चाहते हैं । खैर अब ये सब मुद्दे चुनाव को कितना अधिक प्रभावित करते हैं यह 11 दिसंबर को उस वक्त स्पष्ट हो जाएगा जब मतदान की पेटियां खुलेगी ।
ref: the hindu