नईदिल्ली : RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नें कहा था कि सवर्ण आरक्षण का विरोध पार्टी को ले डूबा और अब झारखंड के पूर्व अध्यक्ष गौतम राणा नें कहा कि पार्टी में कोई लोकतंत्र नहीं बचा है |
कभी RJD यानी राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD का पूरे संयुक्त बिहार में सिक्का चलता था, 1990 के दशक में पार्टी अपने लब्बोलुआब में थी बाद में पार्टी मुखिया लालू प्रसाद को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान मिली थी | हालांकि लालू प्रसाद यादव अब चारा घोटाला में जेल की हवा खा रहे हैं और उनकी अब तबीयत भी ठीक नहीं रहती |
वहीं पार्टी लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ी थी, पूरे झारखंड व बिहार में पार्टी का खाता तक न खुल पाया यहाँ तक की लालू अपने घर की सीट भी गवां बैठे और बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र हार गईं |
लोकसभा में खाता न खोलने को लेकर पार्टी नेताओं में आपसी कलह भी होने लगी, कुछ पार्टी नेताओं नें पार्टी के टिकट बंटवारे को लेकर प्रश्न उठाए | वहीं पार्टी दिग्गज नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रताप सिंह नें कहा कि “पार्टी से सवर्ण आरक्षण का विरोध बड़ी चूक हो गई और इसका विरोध पार्टी को ले डूबा |”
वहीं पार्टी नें महागठबंधन में किसी भी सवर्ण ख़ासकर ब्राह्मण बनिया को टिकट नहीं दिया था और इसको लेकर जमकर अंदर ही अंदर विरोध हुआ विपक्षी नेता प्रेमचंद्र मिश्रा नें सवर्ण विरोधी तक कह डाला |
इसके बाद रघुवंश प्रताप नें कहा था कि “पार्टी भविष्य में सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करेगी |”
इधर तीन माह पहले झारखंड में RJD की कमान संभालने वाले गौतम सागर राणा नें 23 जून को RJD के लगभग 900 नेताओं के साथ RJD को तोड़कर नई पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (लोकतान्त्रिक) बनाने की घोषणा कर दी | इस मौके पर उन्होंने कहा कि “झारखंड RJD के 90% सदस्य लालू प्रसाद से खफ़ा हैं, RJD में कोई लोकतंत्र बचा ही नहीं | अब हम झारखंड की आकांक्षाओं को अपनी पार्टी द्वारा पूरा करेंगे |”
Ranchi: RJD Jharkhand chief Gautam Sagar Rana along with other party members today formed Rashtriya Janata Dal Loktantrik. Rana says,”90% of RJD Jharkhand cadre & I are upset with Lalu Prasad Yadav. There is no democracy left in RJD. We’ll serve people of Jharkhand on our own.” pic.twitter.com/GVOeQyPGvr
— ANI (@ANI) June 23, 2019
आपको बता दें कि झारखंड में 10 जून को ही पार्टी के अध्यक्ष की कमान गौतम सागर राणा से हटाकर अभय कुमार सिंह को दिया गया था जिसके कारण पार्टी में आपसी कलह मची 21 जून तक ठीक करने का अल्टीमेटम दिया गया था और ये पूरा नहीं हुआ अंततः पार्टी के दो टुकड़े हो गए |
और कहां तेजस्वी यादव संविधान व लोकतंत्र बचाने की रट लगाए हुए थे खुद की पार्टी ही नहीं बचा सके |