पटना (बिहार) :- 2019 में लोकसभा के चुनाव होने हैं जिसकी तैयारियाँ अभी से शुरू हो गई हैं। देश में एक ऐसा माहौल बन गया है कि जो भी आरक्षण पर या एससी-एसटी एक्ट पर बोलेगा उसकी सरकार चली जायेंगी। जब से मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट पर आये फैसले को बदला है तभी से बीजेपी का परंपरागत सवर्ण वोटर उससे नाराज है और वह कोई दूसरे विकल्प तलाशने की बात कर रहा है।
हमेशा दलितों के लिए आरक्षण बढ़ाने की मांग करने वाले समाज कल्याण एवं अधिकारिता मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआई) के नेता रामदास अठावले ने बिहार में पहुंचकर एक साथ कई राजनीतिक बयान दिए, जहां उन्होंने सवर्ण समाज को आरक्षण दिए जाने की भी वकालत की है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने सवर्णों को शिक्षा और नौकरी में 25% आरक्षण देने की मांग की है। हम आपको बता दें कि यही वो नेता है जिन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि नयी जातियों को आरक्षण समान्य वर्ग के 50% हिस्से में से दिया जाये।
सवर्णो का एससी-एसटी एक्ट पर विरोध सबसे ज्यादा बिहार में ही देखने को मिला है और इसी विरोध के चलते बीजेपी के कई नेताओं पर हमले भी हुए हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव होने है और बीजेपी अपना परंपरागत सवर्णो का वोट पाने के लिए कई कदम उठा सकती है।