जानते हैं ! रामायण में ‘हनुमान’ बनने के बाद दारा सिंह नें नॉनवेज खाना छोड़ दिया था !

मुंबई : रामायण में हनुमान जी का रोल करने वाले दारा सिंह के बारे में कई दिलचस्प बातें भी हैं।

33 साल बाद एक बार फिर दूरदर्शन पर रामायण की वापसी हुई। लेकिन आज के सोशल मीडिया के ज़माने में भी रामायण नें TRP के सारे रिकॉर्ड धराशायी कर दिए।

रामायण में राम सीता लक्ष्मण व हनुमान सबसे ज्यादा चर्चित पात्र रहे हैं। इन्हीं लोगों में से हनुमानजी पर फ़लाना दिखाना की टीम नें रोचक रिसर्च की है। क्योंकि अवसर हनुमान जयंती का था तो हमारी टीम नें हनुमानजी का रोल करने वाले एक्टर दारा सिंह पर रिसर्च की तो उनके बेटे का दिया गया साक्षात्कार पढ़ा।

दारा सिंह के बेटे विंदू दारा सिंह ने बॉलीवुड न्यूज वेबसाइट Koimoi.Com को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि “जब एक दिन, वो और उनके भाई पिता दारा सिंह की शूटिंग देखने मुंबई से उमरगाँव गए। सभी पात्र सुबह का नाश्ता करते थे लेकिन हनुमान जी के रोल में शूटिंग करते समय उनके पिताजी ने नॉनवेज खाना बंद कर दिया था।”

आगे बताया गया कि “नाश्ता करने के बाद दारा सिंह एक पूरा दिन वह कुछ भी नहीं खाते थे। वो लंच के दौरान या तो नारियल पानी या कुछ जूस पीते थे।”

दारा सिंह के बेटे विंदू नें बताया कि उनके पिता कहते थे कि “विंदू, तुम जब शूट करते हो तो तुम्हें नॉन-वेज कभी नहीं छूना चाहिए।”

“जब आप हनुमान पर काम कर रहे हों तो आपके मन में कोई बुरा विचार नहीं है। वो मुझे केवल अच्छी और सकारात्मक बातें सोचने के लिए कहता था, कुछ भी गलत नहीं करता था।”

इसके बाद विंदू नें बताया कि “पिता जी नींद में भी डायलॉग बोला करते थे। मेरी मम्मी उन्हें याद दिलाती थीं कि यहां शूटिंग नहीं हो रही है।”

आपको बता दें कि दारा सिंह रंधावा जिनका जन्म दीदार सिंह रंधावा के यहाँ 19 नवंबर 1928 को अमृतसर पंजाब में हुआ था। वो एक भारतीय पेशेवर पहलवान, अभिनेता और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने 1952 में अभिनय शुरू किया और भारत के राज्य सभा (उच्च सदन) में नामांकित होने वाले पहले खिलाड़ी थे।

उन्होंने हिंदी और पंजाबी फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक के रूप में काम किया और उन्होंने फिल्मों और टेलीविजन में अभिनय किया। उन्हें कुश्ती में दुनिया भर में अपराजित और बाद में एक सफल फिल्म स्टार होने के लिए जाना जाता है। फिल्म बजरंगी (1976) और रामानंद सागर की रामायण में हनुमान की उनकी भूमिका ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया। 12 जुलाई 2012 को दारा सिंह नें इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

【नोट : ये मीडिया हाउस दिल्ली विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों द्वारा चलाया जा रहा है】