पटना (बिहार) : रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा में स्थापना के लेके आज़तक अध्यक्ष पासवान परिवार के अलावा कोई और नहीं बन पाया है।
परिवारवाद की जड़ें देश की सियासत में अपनी जड़ें मजबूत ही कर रहा है बजाय इसके ऊपर उठने के। देश की सभी बड़ी पार्टियों में परिवारवाद का भविष्य खतरनाक साबित होता जा रहा है जहाँ, UP में सपा तो बिहार में RJD, राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस में गांधी परिवार तो BJP में भाई भतीजावाद।
हाल ही में आई ख़बर पर विश्लेषण करें तो बिहार की महत्वपूर्ण पार्टी लोक जन शक्ति नें अपना नया अध्यक्ष घोषित किया है। और वो होंगे रामविलास पासवान के पुत्र दो बार से सांसद चिराग़ पासवान।
इस घोषणा पर परिवारवाद का कटाक्ष करते हुए पत्रकार विनोद कापड़ी बोले, “ये वंशवाद नहीं है, वंशवाद सिर्फ गांधी परिवार वाला ही कहलाता है।”
ये वंशवाद नहीं है। वंशवाद सिर्फ गांधी परिवार वाला ही कहलाता है। https://t.co/OTNa7llMPF
— Vinod Kapri (@vinodkapri) November 5, 2019
चिराग मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष, पार्टी के निवर्तमान प्रमुख और उनके पिता रामविलास पासवान द्वारा चुने गए।
इसके अलावा पासवान परिवार से ही समस्तीपुर सांसद प्रिंस पासवान को बिहार LJP प्रमुख बनाया गया है। आपको बता दें कि प्रिंस रामविलास पासवान के छोटे भाई स्वर्गीय रामचरण पासवान के बेटे हैं।
समस्तीपुर के नवनिर्वाचित सांसद श्री @princerajpaswan जी को आज बिहार प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।प्रिन्स को ढेर साए शुभकामनायें व बधाई। pic.twitter.com/sQCBJDdqE6
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) October 25, 2019
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पासवान ने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया।”
Chirag Paswan appointed as the Chief of Lok Janshakti Party (LJP) at the party’s national executive meeting. pic.twitter.com/edc54LJqwm
— ANI (@ANI) November 5, 2019
प्रमुख रूप से दलित-वंचितों की राजनीति पार्टी कही जाने वाली LJP साल 2000 में JDU के एक हिस्से से अलग होकर बनीं थी। पार्टी के स्थापना के समय से ही रामविलास पासवान इसके अध्यक्ष रहे हैं और लगभग 2 दशकों के बाद भी वही इसके अध्यक्ष बने रहे।
अब 73 वर्षीय रामविलास पासवान नें पार्टी का कार्यभार सर्वसम्मति से अपने ही बेटे को सौपा है।
LJP, जो मुख्य रूप से बिहार में दलितों के मसीहा बताते हैं उसमें ख़ुद करोड़पति पिता पुत्र का 2 दशकों से क़ब्ज़ा है।
2019 चुनाव में रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग़ पासवान नें अपनी कुल जितनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था उसमें दोनों करोड़पति रहे हैं।