कोल्हापुर (Maha) : BJP की सीट पर इस बार घाँस फूस के छप्पर में रहने वाला मजदूर का बेटा विधायक बनकर विधानसभा पहुंचा है।
सियासत की बात करने से पहले सियासत पर ही हबीब जालिब की एक मशहूर गज़ल है याद आती है “हुक्मरां हो गए कमीने लोग, ख़ाक में मिल गए नगीने लोग” ।
चुनावों में अक्सर देखा जाता है कि कुछ ऐसे लोग जीत जाते हैं जो अपराध की दुनिया में बादशाहत ऱखते हों, पैसों पर लेटते हों, राजनीतिक घरों में दिनरात उठना बैठना हो जबकि ऐसे कम मिलते हैं जोकि अपनी काबिलियत और परिश्रम के कारण सत्ता के गलियारों में आते हों।
लेकिन इन्ही कुछ में हाल ही में एक नाम उज़ागर हुआ है राम सत्पुते, महज़ 30 साल की उम्र, पिता जी एक साधारण से मजदूर शुगर मिल में काम करके पेट चलाते हैं माता जी गृहणी हैं।
वो महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिले के मालशिरस क्षेत्र के भुम्बरडी गाँव से आते हैं आपको बता दें कि यह क्षेत्र महाराष्ट्र का ऐसा इलाका है जहां के लोग सूखे की मार से प्रभावित रहते हैं।
राम सत्पुते हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कोल्हापुर की मालशिरस सीट से BJP के विधायक बने हैं।
राम सत्पुते नें सामने लड़े शरद पवार की पार्टी (NCP) के कद्दावर नेता उत्तम जानकर को चारों खाने चित कर दिया।
विधायक बनने से पहले राम सत्पुते को सीट मिलने का कारण भी जानना चाहिए दरअसल वो कॉलेज के दिनों में सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (SPPU) में ABVP का प्रतिनिधित्व करते थे ।
बाद में छात्र राजनीति में उनके बढ़ते वर्चस्व, परिश्रम, कद व काबिलियत को देखते हुए BJP के युवा मोर्चा BJYM का प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया।
छात्र राजनीति में उनकी लग्न, मेहनत व परिश्रम का फ़ल तब मिल गया जब देश की सबसे बड़ी पार्टी नें अपने सीट से विधायक चुनने के लिए उनका नाम चुना।
अपनी काबिलियत के ज़रिए अपनी जगह बना चुके राम सत्पुते नें विधायक बनकर पार्टी के भरोसे को मोहर लगा दी।
उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि का अंदाज़ा इस बात से भी आप लगा सकते हैं कि उन्होंने कहा कि उनके घर वालों को यह नहीं पता कि ये MLA क्या होता है ? पर उनके माता पिता को ये जरूर पता है कि लड़का कुछ अच्छा कर रहा है और वो इसके लिए खुश हैं।
जब विधायक बनें तो पहली बार अपने बाबा आई (मां बाप) से मिलने गए अपने उस घर जोकि घाँस फूस और छप्परों का बना है उसकी तस्वीरों को भी साझा किया बताया यही मेरा घर है यहीं मेरी और मेरे परिवार की ज़िन्दगी गुज़री है।
यही मेरा घर है …
मेरे और मेरे परिवार की आज तक की ज़िंदगी यही गुज़री है और आज मुझे @BJP4India ने विधायक बनाकर भाजपा ग़रीब , मज़दूर और किसानो की पार्टी है यह बार बार सिद्ध किया है.
पार्टी नेतृत्व का आभारी हूँ@Dev_Fadnavis @ChDadaPatil @narendramodi @AmitShah @rohit_chahal pic.twitter.com/HpXiaMyuP2— Ram Satpute (@RamVSatpute) October 29, 2019
ग़रीब घर से होने बावजूद टिकट मिलने के लिए अपने पार्टी BJP और उनके लोगों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “मुझे BJP ने विधायक बनाकर बता दिया भाजपा ग़रीब, मज़दूर और किसानो की पार्टी है यह बार बार सिद्ध किया है. पार्टी नेतृत्व का आभारी हूँ।”
चुनाव जीतने की ख़ुशी में मीडिया से राम सत्पुते बोले “यह मेरे लिए भरा पल था, एक मजदूर का बेटा होने के नाते, जैसे कि अभी की ही एक फ़िल्म ‘राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, जो असली हकदार है वही राजा बनेगा।”
#WATCH Ram Satpute, winning candidate from Malshiras constituency of Maharashtra: It was a very glad moment for me. Being son of a labourer… like from recent movie ‘Raja ka beta Raja nahi banega, jo asli haqdar hoga wahi Raja banega’. pic.twitter.com/rp3wEpQKAT
— ANI (@ANI) October 26, 2019