बस और ट्रक में पेट्रोल भरा जाता है : राहुल गांधी

छतीसगढ़ में राहुल गांघी की धुआंधार सभाएं; कहा कर्नाटक व पंजाब में फोन से पूंछो, हमनें 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ़ किया है

छत्तीसगढ़ : देश में 5 राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं लिहाजा सियासत के मैदान को फतह करने के लिए सभी दल अपनी पूरी जोर आजमाइश आजमाने में लगे हैं | हर कोई अपने फायदे-नुकसान को देखते हुए बयानबाजी करने में भी कोई कसर नहीं छोंड़ रहा है | इसी माह एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम व तेलंगाना में वोट डाले जाने हैं | इसी को देखते हुए इन प्रदेशों में सभी दलों के नेता ताबड़तोड़ सभाएं, रैलियां व रोड शो कर रहे हैं |

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जब माहौल चुनावी हो तो जाहिर है कि नेता अपने विरोधियों पर जुबानी तीर मारते नजर आते हैं | इसी बीच कुछ नेताओं की जबान भी फिसलती है और ऐसा बयान भी आ जाता है जो वो देना नहीं चाहते हैं | ऐसा ही कुछ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भी हुआ |



राहुल गांधी का बस्तर में अजीबोगरीब बयान :

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस रमन सरकार को हटाकर जहां अपना 3 बार का वनवास खत्म करना चाहती है वहीं रमन सरकार सत्ता का चौका जड़ना चाहती है | शुक्रवार को राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक सभा को सम्बोधित कर रहे थे जहां उन्होंने एक ऐसा वाक्य बोला जिसके कारण लोगों नें उन्हें सोशल मीडिया में ट्रोल करना शुरू कर दिया |

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असल में वर्तमान में देश में बढ़ते तेल व पेट्रोल के दामों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो रहे थे इसी बीच उन्होंने कहा कि ” जब भी आप की जेब में से पैसा निकाला जाता है और मोटर साइकल, स्कूटर, बस और ट्रक में पेट्रोल भरा जाता है तो वो पैसा देश के 15-20 लोगों के जेब में डाला जाता है | ”

पंजाब व कर्नाटक में फोन से पूंछ लो हमनें 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ़ किया है : राहुल गांधी

बस्तर में राहुल गांधी नें छत्तीसगढ़ के किसानों, पिछडों, आदिवासियों व युवाओं के मुद्दे पर जोरदार तरीके से केंद्र में बैठी मोदी सरकार व राज्य की रमन सरकार पर जुबानी हमला किया |

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उन्होंने बस्तर के किसानों को कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार 10 दोनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ़ करेगी जिसको हमनें पार्टी के घोषणापत्र में भी लिखा है | इसी बात को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि कर्ज की बात आप लोग अपने पंजाब व कर्नाटक के लोगों से फोन के जरिए पूंछ लीजिए | हालांकि इन सब बयानों का सूबे की जनता पर कितना प्रभाव पड़ता है उसका इंतजार उस वक्त खत्म होगा जब अगले महीने की 11 दिसंबर को 5 राज्यों के चुनाव परिणामों का पिटारा खुलेगा |