नई दिल्ली :दिल्ली विश्विधालय के 95 वे दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में पीएचडी करके प्रोफेसरी के दरबार में कदम रख रहे नए नवेले प्रोफेसर्स को उनकी डिग्रियां प्रदान की गई । दीक्षांत समारोह की रंगीन छठा के बीच दिल्ली विश्विधालय के ही पत्रकारिता के छात्र अपनी मूलभूत मांगो को मंगवाने के लिए आर्ट्स फैकल्टी पर अपना ताना बाना लिए धरने प्रदर्शन पर बैठ गए थे।
दिल्ली विश्विधालय में धरनो का जंतर मंतर कहलाने वाले आर्ट्स फैकल्टी पर ही दिल्ली विश्विधालय के दो गुटों का जमावड़ा अपनी अपनी मांगो के लिए कुंडली मारे आज बैठा रहा।
पहला प्रोटेस्ट दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के छात्र कर रहे थे| जिसका लाल फीता हमारे देश के माननीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा काटा गया था। वेंकैया नायडू द्वारा लाल फीता काटे जाने के बावजूद कॉलेज में मुलभुत सुविधाओं का टोटा सुरकुट्टी मारे बैठा है।
डीयू में चलने वाला यह पत्रकारिता का विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय में एक मात्र ऐसा कोर्स है जो कि छात्रों के स्वयं वित्त पर चलाया जा रहा है| स्वयं वित्ता माने की सेल्फ फाइनेंसिंग के नाम पर छात्रों से सालाना 70 हज़ार रूपए प्रशासन इनसे ऐंठ लेता है, छात्रों से इतनी मोटी फीस लेकर भी उन्हें कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं की जा रही है |
छात्रों का कहना है कि उन्हें जर्नलिज्म की पढ़ाई कराई जा रही है पर उसके लिए उन्हें जो मूलभूत सुविधाएं दी जानी चाहिए वह उन्हें नहीं दी जा रही है जैसे कि मीडिया लैब, लाइब्रेरी, हॉस्टल्स |
छात्रों का यह विरोध निजीकरण को लेकर था और दीक्षांत समारोह के दिन यह छात्र राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति तक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे|
वहीं दूसरा प्रोटेस्ट एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा था जिसमें उनकी अलग-अलग मांगे थी| लॉ फैकेल्टी के 33 छात्र जो छात्र हितों की लड़ाई लड़ रहे थे उन पर केस दर्ज किया गया है इसके विरोध में एबीवीपी यह प्रदर्शन कर रही थी|
इन सबके बीच खाकी वर्दी वाले जाबांजो ने भी अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई और पूरे प्रोटेस्ट को अपनी निगरानी में अच्छे से सफल बनाया|