एमपी: समाज में जातीय व्यवस्था को दिखाने के लिए बनी फ़िल्म आर्टिकल 15 MP के कई सिनेमाघरों में नहीं चलाई गई | फ़िल्म निर्माता अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी फ़िल्म आर्टिकल 15 का ब्राह्मण व राजपूत-संगठनों परशुराम सेना, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, करणी सेना आदि सामाजिक संघों नें विरोध किया था |
विरोध करने वाले संगठनों नें कमलनाथ सरकार को फ़िल्म न रिलीज करने को लेकर पिछले दिनों ज्ञापन सौंपा था | परशुराम सेना नें आरोप में कहा था कि “इस फ़िल्म का मकसद ब्राह्मण समाज को बलात्कारी, अत्याचारी व अपराधी दिखाकर बदनाम करने का |”
“जहाँ एक तरफ़ मानवाधिकारों का उल्लंघन करना वहीं आज के समाज में जातीय द्वेष पैदा करना दिखाता है | यह फ़िल्म जातीय राजनीति से प्रेरित है जोकि देश व् समाज के हित में नहीं है |”
विरोध करने वाले लोगों नें सिनेमाघरों के बाहर डायरेक्टर के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और लोगों से फ़िल्म न देखने के लिए अपील की |
MP में रीवा, सतना, जबलपुर, भोपाल आदि जिलों के बाक्स आफिसों नें फ़िल्म को ही नहीं रिलीज किया और सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस बल की तैनाती की गई थी |
इसके आलावा नागपुर में ब्राह्मण समुदाय ने इस फिल्म का विरोध किया जिसमे लोगो ने फिल्म के पोस्टर को जूते चप्पलो से पीटा है।
वही भोपाल में ब्राह्मण सेना के सदस्यों ने फिल्म निर्माता अभिनव सिन्हा के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई है।
देश भर की 1600 स्क्रीन पर लांच होने के साथ ही आर्टिकल 15 पहले दिन कुछ ज्यादा कमाई नहीं कर सकी है। काफी विवादों के बाद सबकी जुबान पर बुकमार्कड होने के बावजूद फिल्म सिर्फ 5 करोड़ का ही आंकड़ा छू सकी है।
दिलचस्प बाद यह है की इस फिल्म के ट्रेलर को 17 मिलियन से अधिक लोग यूट्यूब पर देख चुके है फिर भी फिल्म कुछ ख़ास करने से दूर ही दिखाई दी है।