फ़ादर्स डे: “पापा के लिए क्या शेर लिखूं , पापा नें मुझे खुद शेर बनाया है…!”

फ़ादर्स डे पर पिता को समर्पित पंक्तियाँ : "बेमतलब सी इस दुनिया में वो ही हमारी शान है, किसी शख्स के वजूद की ‘पिता’ ही पहली पहचान है..."

नईदिल्ली : आज फ़ादर्स डे है जिस पर हमारे पाठक नें अपने अनुभवों को फलाना दिखाना के परिवार से साझा किया है आप भी पढ़िए |
आज सभी बच्चों के लिए ऐसा दिन है जब हम अपने अस्तित्व का कारण यानी अपने पिता को विशेष रूप से याद करते हैं | जीवन में वो हमरे लिए क्या हैं क्या हम उनको जिंदगी भर उनके किए का कर्ज अदा कर पाएंगे या नहीं ?
पिता के महत्व के बारे में भारतीय शास्त्र हज़ारों साल पहले लिख चुके हैं | ऐसा ही एक श्लोक है महाभारत के शांतिपर्व 258.20 से :

पिता स्वर्गः पिता धर्मः पिता परमकं तपः ।
पितरि प्रीतिमापन्ने सर्वाः प्रीयन्ति देवताः ॥

अर्थात “मेरे पिता मेरे स्वर्ग हैं, मेरे पिता मेरे धर्म हैं, वे मेरे जीवन की परम तपस्या हैं।
जब वे खुश होते हैं, तब सभी देवता खुश होते हैं !”

हमारी नियमित पाठक राशि सिंह नें अपने ही अल्फ़ाज में अपने पिता के लिए इस ख़ास दिन को मनाया है | वो लिखती हैं –

“पापा के लिए क्या शेर लिखूं , पापा ने मुझे खुद शेर बनाया है |

दुनिया की भीड़ में सबसे करीब जो है, मेरे पापा मेरे खुदा मेरी तकदीर वो , सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा।

मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब लकीरों से, ना जाने पापा ने कौनसी ऊँगली को पकड़कर चलना सिखाया था |

बेमतलब सी इस दुनिया में वो ही हमारी शान है, किसी शख्स के वजूद की ‘पिता’ ही पहली पहचान है।

दिमाग में दुनिया भर की टेंशन और दिल में सिफर अपने बच्चों की फ़िक्र वो शख्स और कोई नहीं वो हैं पिता। मेरी शौहरत मेरे पिता की वजह से है।

मेरा साहस , मेरी इज़्ज़त , मेरा सम्मान है पिता। मेरी ताकत, मेरी पूँजी , मेरी पहचान है पिता। यह कुछ चंद लाइने मेरी तरफ से  सभी पिता के लिए  और मेरे नाना के लिए ( जो कि मेरे लिए पिता से पहले है पिता से बढ़कर है,  जो कि मेरे पिता  भी है| ) “
राशि अंत में अपने पापा को बोलना चाहती हैं कि “इस फादर्स डे के अवसर पर पापा  यही कहना चाहूंगी कि आपको एक दिन मुझ पर बहुत गर्व होगा और वही एक हर फादर्स डे का गिफ्ट मेरी तरफ से  होगा बचपन से लेकर तब तक का |”
[ लेखक : फ़ादर्स डे पर ये ख़ास स्टोरी @राशि_सिंह जी नें लिखी है ]
 
RASHI SINGH, STORY AUTHOR