अब आरक्षण लेने वाले ही आपस में फोड़ने लगे सिर, मराठा आरक्षण का OBC नें किया विरोध

मराठा आरक्षण पर बाम्बे हाईकोर्ट के फ़ैसले को पहले ही सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दे चुकी है YFE, अब OBC नेताओं नें तेज किया विरोध

मुंबई : मराठा आरक्षण को लेकर OBC नेंताओं नें विरोध के सुर छेड़कर एक बार फिर से आरक्षण की सियासत को एक अलग हवा पकड़ा दी है |

जहाँ तक संविधान के जानकारों का मानना था कि जब आरक्षण सामाजिक न्याय न होकर वोटबैंक बन जाएगा उस समय ख़ुद आरक्षण लेने वाले ही इसका विरोध करेंगे | और ये बातें आज एकदम सही साबित हो रही हैं |

आपको याद दिला दें कि पिछले सप्ताह ही मराठा आरक्षण को लेकर लंबे समय से चले आ रहे है पेंच को राज्य की बाम्बे हाईकोर्ट नें अंतिम में एक ऐतिहासिक फैसला देकर सुलझा दिया था | दरअसल देवेंद्र फडनवीस वाली भाजपा सरकार द्वारा गायकवाड़ आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य की नौकरियों व शिक्षण संस्थानों में 16% से कम करके 13 व 12 प्रतिशत आरक्षण को वैध बताया था |

हालाँकि इससे एक बात ये निकलकर आई थी कि अब इस फ़ैसले को नजीर बताते हुए कोई भी राज्य विशेष परिस्थितियों में आरक्षण की 50% सीमा को लाँघ सकता है हालाँकि राज्य को इसके लिए साइंटिफिक डाटा उपलब्ध कराना पड़ेगा |

वहीं अब महाराष्ट्र में आरक्षण की सियासत को ओबीसी नेताओं नें अलग ही रुख दे दिया है और इसको लेकर वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं | आपक बता दें कि महाराष्ट्र में आरक्षण अब कुल 75% हो चुका है जोकि भारत में पहली बार हुआ है इसके पहले 69% के साथ तमिलनाडु पहले स्थान पर था |

वहीं इसपर समाजसेवी संस्था यूथ फ़ॉर इक्विलिटी के संजीत शुक्ला पहले ही सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस आरक्षण की सीमा को बढ़ाए जाने को अवैध बताए जाने का अनुरोध कर चुके हैं और इसकी सुनवाई करने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट नें तारीख 12 जुलाई रख दी है |

उधर OBC और VGNT संगठन के लोगों नें बैठककर माँग की है कि पहले राज्य में पड़े 40,000 बैकलाक पदों को भरा जाए उसके बाद ही मेगा भर्ती की जाए | और वो इस आरक्षण से नाखुश भी दिख रहे हैं और इसका विरोध करने का ऐलान भी कर चुके हैं |