दिसपुर (असम): असम की भाजपा सरकार ने मदरसा शिक्षा पर सख्त संदेश देते हुए प्रथा बंद करने की घोषणा की है।
असम की भाजपा सरकार किसी भी धार्मिक शिक्षा को महत्व देने के पुरजोर विरोध में खड़ी हो गई है। अब सरकार के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बयान में कहा कि “सभी राज्य संचालित मदरसों को नियमित स्कूलों में परिवर्तित किया जाएगा या कुछ मामलों में शिक्षकों को राज्य संचालित स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा और मदरसों को बंद कर दिया जाएगा। नवंबर में एक अधिसूचना जारी की जाएगी।”
असम मंत्री ने मदरसा शिक्षा पर स्पष्ट करते हुए कहा कि “मेरी राय में, सरकारी पैसे पर कुरआन नहीं पढ़ाया जा सकता है, अगर हमें ऐसा करना है तो हमें बाइबल और भगवद गीता दोनों को भी सिखाना चाहिए। इसलिए, हम एकरूपता लाना चाहते हैं और इस प्रथा को रोकना चाहते हैं।”
इसके बाद हिमंत बिस्वा सरमा असम में लवजिहाद के खतरे को उकेरते हुए कहा कि “कई मुस्लिम लड़के हिंदू नाम से फेसबुक अकाउंट बनाते हैं और मंदिरों में खुद की तस्वीरें पोस्ट करते हैं। एक बार जब एक लड़की की शादी एक ऐसे लड़के से हो जाती है, तो उसे पता चलता है कि वह उसी धर्म से नहीं है। यह एक विवाहित विवाह नहीं बल्कि विश्वास का उल्लंघन है।”