गुजरात : सवर्ण शब्द के बढ़ते प्रभाव पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नें इसे सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा प्रतिबंधित करने के लिए सभी विभागों को निर्देश भेज दिया है |
falanadikhana.com टीम के पास सोशल मीडिया में कुछ मीडिया वेबसाइट में चल रही एक खबर भेजी गई जोकि वायरल खबर के रूप में थी यह खबर फ़ेसबुक व ट्विटर पर लोग खूब शेयर कर रहे हैं खबर में दावा यह किया गया था कि गुजरात सरकार नें सवर्ण शब्द पर रोक लगा दी है | हमारी टीम नें इस बेहद संवेदनशील खबर की बड़ी बारीक़ पड़ताल शुरू की तो पटा चला कि मेन स्ट्रीम मीडिया में ये खबर नहीं दिखाई गयी है लेकिन गुजराती मीडिया में हमनें इस खबर को पाया | और अधिक विश्वसनीयता को जानने के लिए हमनें गुजरात के महत्वपूर्ण समाचार पत्रों के आर्काइव ढूढ़ने शुरू किए और अंत में जाकर “लोकतेज” समाचार पत्र में 11 जुलाई, 2019 की एक रिपोर्ट पढ़ी जोकि ठीक उस खबर से मिलती थी | हालाँकि हमनें पाठकों के भरोसे के लिए आर्काइव की प्राप्त फोटोग्राफ लगा दी है |
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले कुछ दिनों में सवर्ण शब्द काफ़ी अधिक प्रचलित हुआ है जिसके प्रभाव पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नें ध्यान दिया और परिणामस्वरूप इसी आयोग की इस सुझाव पर गुजरात सरकार ने सवर्ण शब्द लिखने और बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है |
गुजरात : अब से इस शब्द के लिखने और बोलने पर प्रतिबन्धhttps://t.co/LcWnucLbM3#Gujarat #Reservation
— Loktej (@loktej) July 10, 2019
राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इस शब्द को असंवैधानिक बताते हुए इसके बोलने और लिखने पर पाबंदी लगाने के लिए गुजरात सरकार के आदेश के मुताबिक सरकार के सभी विभागों बोर्ड-निगम, ग्रांटेड संस्थाएं, सभी स्कूलों-यूनिवर्सिटीज, पालिका और पंचायतों, राजस्व रिकॉर्ड से सवर्ण शब्द हटा दिया जाए |