MP: परीक्षाओं में जनरल की उम्र 5 साल हुई कम, 1.5 लाखो छात्रों का लुट गया भविष्य…?

MPPSC : कांग्रेस सरकार नें अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि राज्य की परीक्षाओं में उम्र सीमा 2 साल बढ़ाई जाएगी, उल्टा 5 साल कम हो गई

नईदिल्ली : अब होगा न्याय वाले कांग्रेस सरकार नें अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि राज्य की परीक्षाओं में उम्र सीमा 2 साल बढ़ाई जाएगी, हुआ क्या ? उल्टा 5 साल कम हो गई…?

आपको याद दिलाते हैं कि राज्य के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार नें अपने घोषणापत्र में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार का कैसा वादा किया था |

“शासकीय सेवाओं में चयन हेतु अधिकतम आयु सीमा में 2 साल की वृद्धि((बढ़ोतरी) की जाएगी ताकि उनको शासकीय सेवा का ज्यादा अवसर मिल सके |”

ये तो चुनाव के पहले का वादा रहा और जब बात आई निभाने की तो तो खबर कुछ ऐसे आई “PSC की परीक्षाओं में सामान्य वर्ग की अधिकतम उम्र सीमा 40 से घटाकर 35 कर दी गई है  ”

राज्य में 12 परीक्षा भर्तियों को मिलाकर लगभग 15 लाख अभ्यर्थियों को उम्मीद जगी लेकिन सामान्य वर्ग के 35 से 40 साल के 1.5 लाख युवाओं की उम्र सीमा में 5 साल कमी होने से इनका और इनके परिजनों का सपना एक झटके में काले घनघोर अंधेरे में विलुप्त हो गया |

Advertise with Falana Dikhana at the cheapest price !

सरकार के इस निर्णय का थोड़ा सा तकनीकी विश्लेषण यह बताता है कि MP के बाहर के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 27 से बढ़ाकर 35 हुई वहीं वहीं सामान्य वर्ग के युवाओं की 40 से घटकर 35 हालांकि महिलाओं के लिए 40 ही है वहीं आरक्षित वर्गों के लिए ये 40 साल ही है |

अब बात करते हैं उन डेढ़ लाख छात्रों का जोकि अब PSC की इन परीक्षाओं में बैठने के काबिल भी नहीं समझे गए | छात्र खुद सरकार तक अपना गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं और आजकल जैसे संसद व विधानसभाओं का विरोध सोशल मीडिया में होता है वो भी चालू कर दिया गया है |

जो छात्र अपने माँ-बाप की गाढ़ी कमाई को सालों साल कोचिंग करने में लगाते हैं, सालों साल घरबार छोड़कर दिनरात किताबों में जिंदगी व्यतीत करना शुरू करते हैं | और रातों में किताबों को तकिया बनाकर सोने वाले लाखों छात्रों के ऐसे सपने कि चलो आज माँ-बाप अपना पेट काट-काटकर पढ़ा रहे हैं पर भविष्य में कड़ी मेहनत करके अफ़सर बन जाएँगे और उनका सपना पूरा करेंगे | खैर ऐसा कुछ हो नहीं सका और अब छात्र आंदोलन की चेतावनी देकर धरना-प्रदर्शन भी शूरू कर चुके हैं |

हमारी टीम भी सरकार से बस इतना ही पूछना चाहती है कि इन लाखों छात्रों और इनके माँ-बाप का क्या ? उम्मीद है जल्द कुछ सार्थक हल किया जाएगा |

क्योंकि अब छात्र भी कह रहा है “वादा किया तो निभाना पड़ेगा…!”