भोपाल (MP) : पुलिस अब जाति देखकर कार्रवाई करेगी जबकि SC-ST वर्गों को न पीटने की हियादत दी गई है।
इस समय देश में दो सूबों की पुलिसें अपने-अपने कामों के कारण सुर्ख़ियों में हैं एक है राजधानी दिल्ली की पुलिस जिसका टकराव वकीलों से चल रहा है, उधर अजब गजब MP की पुलिस नें भी अजब गजब काम किया है |
दरअसल MP से खबर आई कि पुलिस अब जाति देखकर कार्रवाई करेगी वहीं SC-ST वर्ग के लोगों पर कार्रवाई में सावधानी बरतेगी, बात तो पहली बार में अटपटी लगी लेकिन MP के DGP श्री विजय कुमार सिंह का ही आदेश था |
इसका बड़ा कारण राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग भी बना जिसनें अजाक थानों में SC वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार से जुड़े मसले को उठाया था |
MP DGP के इस निर्देश के बारे में MP की स्थानीय मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार सोमवार को पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी किए परिपत्र के माध्यम से भोपाल-इंदौर DIG समेत पुलिस अधीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किए गए थे कि “विधि संगत प्रावधानों में आवश्यक होने पर ही SC-ST वर्ग के व्यक्तियों को हिरासत में लिया जाए| और पुलिस अभिरक्षा में कोई अभद्र व्यवहार एवं मारपीट नहीं की जाएगी|”
हालाँकि बाद में इस दिशा निर्देश की राजनीतिक़ हलकों में भी चर्चा रही, कमलनाथ सरकार के मंत्री व भाजपा नेताओं नें इस तरह के नियम को गलत बताया कहा कि आप किसी की जाति पूछकर कार्रवाई नहीं कर सकते | सोशल मीडिया पर भी लोगों नें इसे दूसरा SC-ST कह डाला |
बवाल आगे बढ़ा जब सरकार पुलिस की तीखी आलोचना हुई तो DGP नें डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की उन्होंने कहा कि लोगों नें गलत व्याख्या की है |
बचाव में DGP विजय कुमार सिंह नें कहा कि “जारी परिपत्र की लोगों नें गलत व्याख्या की है , परिपत्र पूर्णतः समाज के सभी वर्गों के हितों में ध्यान रखकर जरी किया गया | SC आयोग द्वारा जारी आदेश के परिपालन में मुख्यालय की अजाक शाखा द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के हितों को संरक्षित करने के लिए यह परिपत्र जारी किया गया है | इसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों के मानवाधिकारों का संरक्षण किया गया है|”