प्राईवेट सेक्टर के अलावा न्यायपालिका में भी आरक्षण का BJP नेताओं नें उठाया मुद्दा

मध्यप्रदेश : 27% ओबीसी आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पारित, BJP विधायकों नें न्यायालयों व प्राईवेट सेक्टर में ओबीसी आरक्षण की मांग की

भोपाल (MP) : राज्य में 27% ओबीसी आरक्षण पास होते ही प्राईवेट व न्यायालयों में आरक्षण की भी बात शुरू हो चुकी है जबकि पहले ही आरक्षण 73% हो चुका है |

सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार की पहली प्राथमिकता अपने घोषणापत्र में किए गए आरक्षण के वादे को पूरा करने का था और ऐसा हुआ भी | कल कमलनाथ सरकार नें राज्य में ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर लगभग दोगुना 27% कर दिया है |

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अब इसे राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा और यदि इसके बाद न्यायिक बाधा से पास हुआ तो MP देश का पहला राज्य होगा जहाँ राज्यबार आरक्षण में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाएगा |

हालाँकि इसमें संशय नहीं होना चाहिए कि केंद्र की नौकरियों में ओबीसी को पहले से ही 27.5% आरक्षण मिलता है लेकिन राज्य के लिए अभी तक इतना नहीं था | वहीं बिहार जैसे राज्यों में तो 52% ओबीसी आरक्षण करने की बात भी की चुकी है |

वहीं अब महाराष्ट्र में 75% के बाद मध्यप्रदेश में 73% आरक्षण होगा |

उधर आरक्षण का मुद्दा यहीं नहीं रुका बल्कि पक्ष-विपक्ष नें इसे दुसरे अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ाने की मांग उठाई | नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव नें इस बिल का समर्थन तो किया लेकिन पुछा कि क्या ये वोटबैंक के लिए है और नौकरियों की कमी है तो फिर आरक्षण का लाभ कैसे मिलेगा ?

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वहीं ओबीसी समुदाय से आने वाले नेताओं नें ओबीसी के लिए कुछ और क्षेत्रों में आरक्षण देने के लिए मांग उठाई |

रीवा जिले के मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने कहा कि “अर्ध-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र, सहकारिता और संविदा नियुक्तियों में आरक्षण को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “या तो आउटसोर्सिंग बंद होनी चाहिए या आरक्षण को वहां भी बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि सभी जातियों को इसका लाभ मिले ।”

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नरसिंहपुर के भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल ने कहा कि “ओबीसी को आबादी में उनके हिस्से के अनुपात में बजट आवंटित किया जाना चाहिए और सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों सहित न्यायपालिका में आरक्षण बढ़ाया जाना चाहिए ।”