नई दिल्ली(भारत):- SC/ST एक्ट में बदलाव करने के बाद ओबीसी और सवर्ण समाज के विरोध से मोदी सरकार की चिंता बढ़ गयी है और इस बात पर मंथन चल रहा है कि इस विरोध को दबाया कैसे जाये। सरकार और पार्टी दोनों को स्तर पर जो फीडबैक मिला है उससे दोनों के होश उड़ गए हैं। सरकार इस वर्ग को आम चुनाव में मनाने के लिए खास रणनीति बना रही है।
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट में बदलाव के आदेश देते हुए इसमें गिरफ्तारी से पहले जांच के आदेश दिए थे , परन्तु केंद्र की मोदी सरकार को यह गवारा न हुआ था और उन्होंने संसद के जरिए कोर्ट के आदेश को पलट दिया था। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में सवर्ण आंदोलन शुरू हो गए थे, जो अभी भी जारी है ।
सूत्रों के अनुसार सरकार के स्तर पर लगातार इस आंदोलन पर निगाहें रखी जा रही है और इसके नफे-नुक्सान का आकलन किया जा रहा है। पहले सरकार और पार्टी को यह लगा कि इसके दूरगामी परिणाम नहीं होंगे और दलितों को नाराज करने के जोखिम सरकार नहीं ले सकती थी। लेकिन अब पिछले कुछ दिनों के दौरान समीकरण में बदलाव के चलते चिंता बढ़ गयी है। यही कारण है कि सरकार अपनी नीतियों से ओबीसी और सवर्ण समाज को किस प्रकार से भरोसा दे सकती है इसके सभी विकल्पों को सरकार ने तलाशने के लिए प्रक्रिया आरम्भ कर दी है। हाल ही में पीएम मोदी की इसी मसले पर सीनियर मंत्रियों की साथ मीटिंग हुई थी। सूत्रों की अनुसार सरकार SC/ST एक्ट में बदलाव के फैसले से पीछे नहीं हटेगी।
दरअसल,2014 के आम चुनावों में दलितों से एक बड़े हिस्से ने बीजेपी को वोट किया था और पार्टी को बढ़ी जीत मिली थी।ऐसे में 2019 के चुनाव में उस बढ़त को बीजेपी नहीं खोना चाहती।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी लोकसभा चुनावों में ओबीसी और सवर्ण समाज के वोट लेने के लिए ओबीसी और सवर्णो को बढ़ी मात्रा में टिकट दे सकती है।