रीवा : जैसे जैसे एमपी का चुनाव नजदीक आ रहा है सियासी हलचलें भी कुछ ज्यादा ही जोरों पर होती जा रही हैं | संगीत सम्राट तानसेन व सफेद शेरों की माटी कहे जाने वाले एमपी के रीवा में कई सियासी दिग्गजों की सभाएं हो रही हैं |
यहां नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव, नवजोत सिंह सिद्धू के बाद शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो की भी विशाल जनसभा हुई |
सरकार नें आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया : मायावती
रीवा में जनसभा को सम्बोधन के दौरान मायावती नें केंद्र व राज्य सरकारों को आरक्षण के मामले में घेरते हुए आरोप लगाया और कहा कि ” कांग्रेस व भाजपा दोनों नें आरक्षण की व्यवस्था को कमजोर करना चाहा मगर हमनें इसका हमेशा से विरोध किया |
इसके अलावा उन्होंने कहा कि ” सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण की बात हमने उठाई है जिसे सरकारों नें नहीं सुना | अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए बनाए गए मंडल आयोग की रिपोर्ट कांग्रेस सरकार में आई लेकिन उसे लागू व्हीपी सिंह की सरकार नें किया | ”
सत्ता के वक्त यूपी में दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक प्राथमिक थे : मायावती
मायावती नें अपने पार्टी की तारीफ़ में कई कसीदे पढ़े और बात एमपी के बाहर देश के सबसे बड़े आबादी वाले प्रदेश यूपी के सियासत की | इसमें उन्होंने कहा कि ” जब सूबे में 4 बार हमारी सत्ता थी तब वैसे तो हमने सर्व समाज के लिए काम किया लेकिन हमारी प्राथमिकता में दलित, शोषित, पिछड़ा व सभी धार्मिक अल्पसंख्यक थे | ”
इसके अलावा उन्होंने मुस्लिमों की स्तिथि पर चर्चा की और आरोप लगाया कि सरकार नें सच्चर कमेटी पर ध्यान नहीं दिया | उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण की बात भी कही, आरोप लगाया कि बड़ी-बड़ी कम्पनियों व उद्योगों में धन्नासेठों की भीड़ हैं वहीं गरीब तपके को कोई जगह नहीं है |
हालांकि दूसरी ओर एक और महत्वपूर्ण बात कही कि ” उनकी ही एक पार्टी है जो सवर्ण समाज के लोगों के लिए अलग से आर्थिक आरक्षण की मांग उठाई जिसे सरकार ने कभी नहीं सुना ” |