नोयडा (यूपी) : आज जब शहरों में हम कही भी जाते है तो सड़को के किनारे रहने वाले लोग अपने गेट पर तख्ती लगा कर रखते है “नो पार्किंग इन फ्रंट ऑफ़ गेट’ इसके बावजूद किसी के गेट पर गाड़ी लगा पर उससे लड़ना सभ्य समाज का उद्दाहरण नहीं माना जा सकता .
पहले नमाज़ पर प्रतिबंध फिर कथा पंडाल निकला :
14 दिसम्बर 2018 को उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 58 के पार्क में नमाज़ को लेकर नामज़ियो के स्थानीय लोगो के बहस हो गई , स्थानीय लोगो की शिकायत के बाद पुलिस ने इस पार्क में नमाज़ पर रोक लगा दी |
इसके बाद क्या था धार्मिक आज़ादी ने नाम पर सेकुलरवाद का हवाला देकर सरकार पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए |
हालांकि इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस नें ग्रेटर नोएडा के एक पार्क में हो रही भागवत कथा के पंडाल को उसी दिन बिना किसी आपत्ति के उखाड़ फेंका |
इधर 28 दिसंबर को नोएडा सेक्टर 63 और 65 में नमाज़ हुई और पुलिस ने उसको सुरक्षा भी दी |
कांग्रेस द्वारा आरएसएस की शाखा की तुलना नमाज़ से :
नमाज़ पर प्रतिबंध के तुरन्त बाद AMIM प्रमुख असुदुद्दीन ओवैसी ने इसको कावड़ यात्रा से जोड़ दिया |
इधर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के DGP से मांग की कि ” संघ की शाखाओं पर रोक लगनी चाहिए ” | लेकिन एक बात तो समझने वाली है कि सुबह सुबह पार्क में लोग शारीरिक व्यायाम करते हैं, पार्क में टहलते हैं |
देश के सेक्युलरवादी नेताओं को ये समझना होगा कि किसी धर्म विशेष पर सहिष्णुता के द्वारा प्रश्न खड़े करने के बजाय देश के ऐसे बहुत सारे मुद्दे हैं जिनको लेकर सरकार को घेरना चाहिए ताकि देश और समाज दोनों का भला होगा |
{edited by Roshan Kumar}