मराठा आरक्षण को लेकर रास्ता हुआ साफ़, 19 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पेश होगा विधेयक

इससे पहले भी जून 2014 में कांग्रेस एनसीपी की सरकार ने राज्य में मराठाओ को 16 प्रतिशत व मुसलमानो को 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर चुकी थी जिसे नवंबर में हाई कोर्ट द्वारा रोक दिया गया था।

महाराष्ट्र(मुंबई) : राज्य में मराठा को मिलने वाले आरक्षण का रास्ता अब साफ़ हो चूका है। महाराष्ट्र राज्य बैकवर्ड क्लास कमिशन ने आज अपनी रिपोर्ट एक सील बंद लिफाफे में राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन को सौप दी है। रिपोर्ट में कमिशन ने मराठाओ को सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर पाया है, करीब 43,000 परिवारों पर 25 पैमानों का अध्यन करने के बाद आयोग इस नतीजे पर पहुंचा की मराठा प्रदेश में पिछड़े वर्ग में आने की सारी शर्ते पूरी करते है।

लम्बे समय से यह समाज राज्य में आरक्षण की मांग करता आया है जिसके बाद हाल ही में हुए बड़े आंदोलन की वजह से सरकार को घुटने टेकने पड़े थे।


वही इस विषय पर सूबे के मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा की हम मराठा आरक्षण को लेकर सारी क़ानूनी प्रक्रिया पूरी कर रहे है ताकि कोर्ट इसमें कोई दखल न कर सके। फलाना दिखाना के सूत्रों से मिल रही खबरों के अनुसार जल्द ही सरकार 19 नवंबर से शुरू हो रहे विंटर सेशन में मराठा आरक्षण पर विधेयक ला सकती है।

आपको हम बताते चले की इससे पहले भी जून 2014 में कांग्रेस एनसीपी की सरकार ने राज्य में मराठाओ को 16 प्रतिशत व मुसलमानो को 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर चुकी थी जिसे नवंबर में हाई कोर्ट द्वारा रोक दिया गया था।